ईपीएफओ बचाएगा हर साल 10 हजार पेड़
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ईपीएफओ ने सराहनीय पहल की है। ईपीएफओ के सभी कार्यालयों में 95 फीसद से अधिक कार्य पिछले सप्ताह से डिजिटल यानी पेपरलेस कर दिए गए हैं।
आदित्य राज, गुरुग्राम
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सराहनीय पहल की है। ईपीएफओ के सभी कार्यालयों में 95 फीसद से अधिक कार्य पिछले सप्ताह से डिजिटल यानी पेपरलेस कर दिए गए हैं। इससे न केवल हर साल पांच से छह करोड़ रुपये की बचत होगी बल्कि लगभग 10 हजार पेड़ बचेंगे।
जानकारी के मुताबिक हर साल पूरे देश के ईपीएफओ द्वारा औसतन ढाई से तीन करोड़ दावों के निपटारे (क्लेम सेटलमेंट) किए जाते हैं। कोरोना संकट की वजह से इस साल यह आंकड़ा चार करोड़ से अधिक पहुंचने का अनुमान है। दावों के निपटारे के बाद प्रिट (कम से कम दो पेज में) निकालकर रखने का प्रावधान था। वर्कशीट की प्रिटिग की जाती थी। ऑनलाइन भी यदि आवेदन आते थे तो प्रिट निकाले जाते थे। अब जो ऑनलाइन आवेदन आ रहे हैं उनका निपटारा ऑनलाइन ही किया जा रहा है। अधिकारी डिजिटल साइन करने लगे हैं। इसी तरह अधिकतर कार्य पूरी तरह पेपरलेस कर दिए गए हैं। गुरुग्राम कार्यालय की ओर से ही दिए गए थे सुझाव
ईपीएफओ के केंद्रीय कार्यालय को गुरुग्राम कार्यालय की ओर से ही पेपरलेस किए जाने के बारे में सुझाव दिए गए थे। इसके लिए कई तर्क सामने रखे गए। सबसे बड़ा तर्क यही था कि पेपरलेस कार्य से हर साल लगभग 10 हजार पेड़ बचाए जा सकेंगे। इससे जहां पर्यावरण का संरक्षण होगा वहीं डिजिटल व्यवस्था से कार्य काफी तेजी से होंगे। सुझावों के अनुरूप केंद्रीय कार्यालय ने पूरे देश के कार्यालयों को पेपरलेस करने के बारे में पिछले सप्ताह आदेश जारी कर दिया। पेपरलेस काम शुरू किए जाने से आने वाले समय में ईपीएफओ के कार्यालयों में फाइलों का अंबार भी नहीं दिखाई देगा। इससे कार्यालय में काफी जगह हो जाएगी। जब ऑनलाइन कम से कम समय में बेहतर कार्य हो सकते हैं फिर क्यों न कागजों से छुटकारा पाया जाए। इसी को ध्यान में रखकर ईपीएफओ कार्यालयों को पेपरलेस किया गया है। फिलहाल 95 फीसद से अधिक कार्य पेपरलेस हो गए हैं। आने वाले समय में इसमें और बढ़ोत्तरी ही होगी। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर भी निर्णय लिया गया है। इससे अन्य विभाग भी प्रोत्साहित होंगे।
- सिद्धार्थ सिंह, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, गुरुग्राम(पूर्वी)