हादसों पर लगाम के लिए इंजीनियरों का प्रशिक्षण शुरू

राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के दौरान खासकर एलिवेटेड हिस्से के निर्माण के दौरान हो रहे हादसों पर लगाम लगाने के लिए इंजीनियरों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बृहस्पतिवार से सोहना रोड स्थित एक होटल में शुरू हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:14 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:14 PM (IST)
हादसों पर लगाम के लिए इंजीनियरों का प्रशिक्षण शुरू
हादसों पर लगाम के लिए इंजीनियरों का प्रशिक्षण शुरू

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के दौरान खासकर एलिवेटेड हिस्से के निर्माण के दौरान हो रहे हादसों पर लगाम लगाने के लिए इंजीनियरों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बृहस्पतिवार से सोहना रोड स्थित एक होटल में शुरू हो गया। आयोजन इंडियन एकेडमी आफ हाईवे इंजीनियर्स द्वारा किया गया है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के इंजीनियरों के साथ ही संबंधित कंसल्टेंट कंपनियों के इंजीनियर हिस्सा ले रहे हैं। एनएचएआइ से संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनियों के भी कुछ प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिनों के दौरान जो निष्कर्ष निकलेगा, उसके मुताबिक आगे काम किया जाएगा।

बृहस्पतिवार को कार्यक्रम का शुभारंभ आनलाइन माध्यम से केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमाने ने किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के दौरान खासकर इसके एलिवेटेड हिस्से के निर्माण के दौरान काफी सतर्कता बरतने की आवश्कयता है। कहीं भी हादसा न हो, इसके लिए बारीकी से ध्यान दिया जाए। हादसा होने से न केवल संबंधित कंपनी की बल्कि सरकार की भी बदनामी होती है। निर्माण के दौरान क्वालिटी के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदस्य मनोज कुमार ने कहा कि सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होना चाहिए। ऐसे प्रयास होने चाहिए जिससे कि कहीं भी किसी भी स्तर पर हादसा होने की आशंका न रहे। हादसा होने से निर्माण कार्य प्रभावित होता है। कार्यक्रम में इंडियन एकेडमी आफ हाईवे इंजीनियर्स के निदेशक संजीव कुमार सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। प्राधिकरण के परियोजना निदेशक (सोहना) सुरेश कुमार ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी इंजीनियर शुक्रवार को गुरुग्राम में चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन करेंगे। इसके बाद वे कार्यक्रम के दौरान अपने-अपने विचार रखेंगे। बता दें कि गुरुग्राम में ही कई हादसे हो चुके हैं। इसी साल मार्च में द्वारका एक्सप्रेस-वे के एलिवेटेड हिस्से की दो स्लैब गिर गई थी। सोहना रोड पर भी इसी तरह का हादसा हो चुका है। हीरो होंडा चौक सहित कई फ्लाईओवर के निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत सामने आ चुकी है।

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