बिल्डर पर बिजली निगम का सात करोड़ बकाया, खामियाजा भुगत रहे निवासी

वाटिका सिटी के निवासी बिजली आपूर्ति के लिए लोड बढ़वाने के लिए बार-बार आवेदन कर रहे हैं। बिजली निगम उनका लोड बढ़ाने को तैयार नहीं है। अधिकारी लोड बढ़ाने से पहले बिल्डर पर बकाया 7.24 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहते हैं। बिल्डर इसके लिए तैयार नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 08:34 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 08:34 PM (IST)
बिल्डर पर बिजली निगम का सात करोड़ बकाया, खामियाजा भुगत रहे निवासी
बिल्डर पर बिजली निगम का सात करोड़ बकाया, खामियाजा भुगत रहे निवासी

महावीर यादव, बादशाहपुर वाटिका सिटी के निवासी बिजली आपूर्ति के लिए लोड बढ़वाने के लिए बार-बार आवेदन कर रहे हैं। बिजली निगम उनका लोड बढ़ाने को तैयार नहीं है। अधिकारी लोड बढ़ाने से पहले बिल्डर पर बकाया 7.24 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहते हैं। बिल्डर इसके लिए तैयार नहीं। खामियाजा यहां के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

वाटिका सिटी में 2,790 किलोवाट बिजली आपूर्ति की जा रही है, जबकि 4,200 किलोवाट की दरकार है। अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति जेनरेटर के माध्यम से की जा रही है। इससे निवासियों पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। वाटिका सिटी में बिजली आपूर्ति के लिए बिल्डर को 33 केवी का सब स्टेशन तैयार करके देना था। इसके लिए बिजली निगम को बिल्डर की तरफ से जमीन और सब स्टेशन का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना था। बिल्डर प्रबंधन ने अभी तक यह तैयार नहीं करके दिया है। बिजली निगम इस इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए बिल्डर से 7 करोड़ 24 लाख रुपये की मांग कर रहा है। वाटिका सिटी में 1,370 मकान है। इसके अलावा आर्थिक कमजोर वर्ग के 260 मकान तथा 47 दुकानें भी हैं। इन सभी के लिए केवल 2,790 किलोवाट बिजली ही आपूर्ति होती है। जबकि इन सभी की जरूरतों के हिसाब से कम से कम 4,200 किलोवाट बिजली की आवश्यकता है। इन सभी की जरूरतों को पूरा करने के लिए डीजल जेनरेटर का प्रयोग किया जाता है, जिसमें प्रति वर्ष करीब एक-डेढ़ करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्चा होता है, जो प्रति फ्लैट 8-9 हजार रुपया प्रति महीना पड़ता है।

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जेनरेटर पर्यावरण के लिए घातक बिजली आपूर्ति के लिए प्रयुक्त डीजल जेनरेटर से काफी प्रदूषण होता है। एनजीटी ने भी सोसायटी में जेनरेटर से बिजली आपूर्ति करने पर पूर्ण रूप से रोक लगा रखी है। जेनरेटर से बिजली आपूर्ति से निवासियों को जहां अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ रहा है। वहीं, यह पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहा है। एनजीटी इस पर सख्त भी है।

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बिजली निगम से लोड बढ़वाने के लिए हम अपने स्तर पर सभी प्रयास कर चुके हैं। बिजली निगम के अधिकारियों से जब भी लोड बनवाने के लिए कहा जाता है। उनकी तरफ से एक ही जवाब होता है कि पहले बिल्डर बिजली निगम की बकाया राशि का भुगतान करें। उसके बाद ही लोड बढ़ाया जाएगा। अब हमें यह समझ नहीं आ रहा कि बिल्डर भुगतान नहीं कर रहा है तो उसका नुकसान निवासियों को क्यों भुगतना पड़े।

-गिरिराज गुप्ता, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए, वाटिका सिटी, सेक्टर-49

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वाटिका बिल्डर के प्रतिनिधियों के साथ इस संबंध में कई बार बातचीत हो चुकी है। बिल्डर को 33केवी सब स्टेशन के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लिखित में दिया गया है। जब बिल्डर इन्फ्राट्रक्चर तैयार करके नहीं देगा तो बिजली निगम आपूर्ति किस तरह करेगा। 2 दिन पहले बिल्डर के प्रतिनिधियों ने मीटिग में जल्द ही इस राशि का भुगतान करने का आश्वासन दिया है। जोगिदर सिंह हुड्डा, अधीक्षण अभियंता, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, सर्कल-टू

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