बिजली निगम कई उद्योगों को नहीं देता मान्यता

प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों के सामने नई समस्या आ गई है। यह है बिजली निगम का उद्योगों को उद्योग न मानकर कमर्शियल श्रेणी में गिनना। इसके कारण उद्यमियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 05:12 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 05:12 PM (IST)
बिजली निगम कई उद्योगों को नहीं देता मान्यता
बिजली निगम कई उद्योगों को नहीं देता मान्यता

जागरण संवाददाता, मानेसर : प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों के सामने नई समस्या आ गई है। यह है बिजली निगम का उद्योगों को उद्योग न मानकर कमर्शियल श्रेणी में गिनना। इसके कारण उद्यमियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बिजली विभाग की तरफ से उद्योगों को कमर्शियल मानकर बिल की कीमतों में भी इजाफा किया जाता है और पेनल्टी भी लगाई जाती है। यह उद्योगों को लगभग दो गुना महंगा पड़ रहा है। इस बारे में उद्यमियों की तरफ से मुख्यमंत्री, बिजली निगमों के चेयरमैन और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव को भी शिकायत दी जा चुकी है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उद्यमियों के कहना है कि विभागों की मनमानी के कारण उद्योग जगत को काफी नुकसान हो रहा है। कई कंपनियों की तरफ से इस बारे में कोर्ट का रुख भी किया जा चुका है। कुछ कंपनी कोर्ट में मामला जीत भी चुकी हैं। आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन की तरफ से इस बारे में फिर शिकायत दी गई है कि इस समस्या से प्रदेश के उद्योगों को छुटकारा दिलाया जाना चाहिए।

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मशीनें न होना मानते हैं कमर्शियल उद्यमियों के कहना है कि बिजली निगम की तरफ से उद्योगों में चेकिग के दौरान बड़ी मशीनें न होने पर उन्हें कमर्शियल माना जाता है। जबकि उद्योग विभाग की तरफ से कई प्रकार के बिना मशीनों के कार्यों को भी उद्योगों की श्रेणी में माना जाता है, इनमें फोटोकापी भी शामिल है। कई कंपनियों के जाब वर्क किया जाता है। इसमें मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। उद्योग विभाग तो इसे उद्योग मानता है लेकिन बिजली विभाग की तरफ से इसे कमर्शियल माना जाता है। ऐसे में उद्यमियों को काफी दिक्कत हो रही है। इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहरलाल से भी मांग की जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ---------------

इस बारे में कई बार अधिकारियों को शिकायत दी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कई कंपनियों को कमर्शियल बिल भेजे गए हैं। प्रदेश सरकार को एक नोटिफिकेशन जारी कर उद्योगों की सूची जारी करनी चाहिए ताकि सभी विभाग उद्योगों के साथ एक समान व्यवहार करें।

-मनोज त्यागी, महासचिव, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

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