शिक्षा के क्षेत्र में शोध के लिए तैयार हो रहे हैं शिक्षक

शिक्षा के क्षेत्र में मूलभूत शोध के लिए शिक्षकों को तैयार किया जाना है। इसके तहत शिक्षक शिक्षा प्रणाली से लेकर पठन-पाठन की शैली के विकास पर शोध करेंगे और उसे स्कूलों में अपनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:42 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:42 PM (IST)
शिक्षा के क्षेत्र में शोध के लिए तैयार हो रहे हैं शिक्षक
शिक्षा के क्षेत्र में शोध के लिए तैयार हो रहे हैं शिक्षक

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शिक्षा के क्षेत्र में मूलभूत शोध के लिए शिक्षकों को तैयार किया जाना है। इसके तहत शिक्षक शिक्षा प्रणाली से लेकर पठन-पाठन की शैली के विकास पर शोध करेंगे और उसे स्कूलों में अपनाया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में प्रदेश भर के स्कूलों से एक-एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया गया। एससीईआरटी की रीप सेल द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के प्राध्यापकों ने भी हिस्सा लिया।

एससीईआरटी में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के बाद शिक्षक अपने स्तर पर शोध करेंगे और शिक्षा में नवाचार को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाएंगे। कार्यक्रम की समन्वयक रूपम झा ने बताया कि आनलाइन मंच पर हुए प्रशिक्षण शिविर के पहले सत्र में रिसोर्स परसन के तौर पर राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के विशेषज्ञ डा. राजेंद्र पाल ने प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों के शोध के मायने समझाए।

दूसरे सत्र में सेवानिवृत प्रोफेसर डा. डीएन सनसनवाल ने शोध की जरूरत और उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। रिसर्च विग की प्रभारी डा. सुमन शर्मा, डा. अलका सिंह, अंकुर भारद्वाज और देवानंद ने कार्यक्रम को सफल बनाया। एससीईआरटी भी एक शोध करके एक महीने के भीतर उसे साझा करेगी। इस बारे में एससीईआरटी के निदेशक डा. ऋषि गोयल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मूलभूत शोध के लिए शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। ऐसे में शिक्षक प्रोत्साहित होंगे और सभी मिलकर शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि एससीईआरटी के विशेषज्ञ भी इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं।ता

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