ड्रीम प्रोजेक्ट पर लग रहे लापरवाही के दाग
द्वारका एक्सप्रेस-वे केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में शुमार है। इसके ऊपर न केवल वह विशेष रूप से नजर रख रहे हैं बल्कि समय-समय पर निरीक्षण भी करते रहते हैं। इसके बाद भी निर्माण कार्य में बार-बार लापरवाही की शिकायत सामने आ रही है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
द्वारका एक्सप्रेस-वे केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में शुमार है। इसके ऊपर न केवल वह विशेष रूप से नजर रख रहे हैं बल्कि समय-समय पर निरीक्षण भी करते रहते हैं। इसके बाद भी निर्माण कार्य में बार-बार लापरवाही की शिकायत सामने आ रही है। इससे केंद्र सरकार की बदनामी हो रही है। पिछले महीने ही सिरहौल बार्डर पर बनाए जा रहे यू-टर्न अंडरपास के निरीक्षण के दौरान स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एनएचएआइ के अधिकारियों से कहा था कि देरी भले हो जाए, लेकिन निर्माण कार्यों में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इससे बदनामी होती है।
इसी साल 28 मार्च की सुबह गांव दौलताबाद के सामने द्वारका एक्सप्रेस-वे की दो स्लैब गिर गई थी। अब पिलर नंबर 173 से 174 के बीच दरार आने की शिकायत है। इससे पहले भी एक बार लापरवाही की शिकायत सामने आ चुकी है। इस बारे में एनएचएआइ के परियोजना निदेशक निर्माण जामभुलकर कहते हैं कि दरार आने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। कंपनी अपने स्तर पर जांच कर रही है। जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आएगी। जहां तक 28 मार्च को हुए हादसे का सवाल है, उसकी जांच पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। नौ हजार करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट: गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से लेकर दिल्ली इलाके में महिपालपुर के नजदीक शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके ऊपर लगभग नौ हजार रुपये की लागत आएगी। एक्सप्रेस-वे का 18.9 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में जबकि बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली इलाके में पड़ता है। 23 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड जबकि लगभग चार किलोमीटर हिस्सा भूमिगत (टनल) होगा। प्रोजेक्ट में किसी भी स्तर पर कमी न रहे इसके लिए इसे चार हिस्सों में बांटा गया है। हरियाणा इलाके यानी गुरुग्राम इलाके के दोनों हिस्सों के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी को जबकि दिल्ली इलाके के दोनों हिस्सों की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक कंपनी को दी गई है। गुरुग्राम हिस्से में बार-बार लापरवाही बरतने की शिकायत आ रही है। निर्माण कार्य में किसी भी स्तर पर कमी न रहे इसके लिए इसी साल चार मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के साथ ही एनएचएआइ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बस से निरीक्षण किया था। कहीं से भी डिग्री लेकर जो इंजीनियर आते हैं, उन्हें नौकरी पर रख लिया जाता है। ओपन से इंजीनियरिग करने वालों के पास अनुभव नहीं होता। अनुभवी इंजीनियरों को ही बड़े प्रोजेक्ट में लगाना चाहिए। यही नहीं सुपरविजन के ऊपर जोर देने की आवश्यकता है।
--- जेएस सुहाग, पूर्व सलाहकार (तकनीकी), एनएचएआइ