अलोहा सोसायटी प्रबंधन को एक माह के भीतर ओसी आवेदन के दिए निर्देश

मंगलवार को डीटीपीई आरएस बाठ ने सोसायटी का निरीक्षण कर बिल्डर प्रबंधन को एक माह के भीतर ओसी का आवेदन करने और स्टिल्ट पार्किंग में किए अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:41 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 08:41 PM (IST)
अलोहा सोसायटी प्रबंधन को एक माह के भीतर ओसी आवेदन के दिए निर्देश
अलोहा सोसायटी प्रबंधन को एक माह के भीतर ओसी आवेदन के दिए निर्देश

संवाद सहयोगी नया गुरुग्राम: सेक्टर 57 स्थित अलोहा सोसायटी के 186 परिवार बीते नौ वर्षो से आक्युपेंसी सटिफिकेट (ओसी) मिलने का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय निवासी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं। मंगलवार को डीटीपीई आरएस बाठ ने सोसायटी का निरीक्षण कर बिल्डर प्रबंधन को एक माह के भीतर ओसी का आवेदन करने और स्टिल्ट पार्किंग में किए अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर सहायक नगर योजनाकार आशीष शर्मा और योजना सहायक सतेंद्र आर्य मौजूद थे।

ओसी को लेकर स्थानीय आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पत्र के मुताबिक साल 1996 में बिल्डर ने 20 एकड़ का लाइसेंस लिया था। विवाद के बाद 4.5 एकड़ जमीन में अलोहा नाम से रिहायशी सोसायटी विकसित की गई, जिसमें 186 फ्लैट्स बनाए गए। साल 2005 में फ्लैट्स की बुकिग हुई और साल 2013 में कब्जा देना शुरू कर दिया। आठ साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इस रिहायशी सोसायटी को ओसी नहीं मिला है।

एईजेड इस्परेशन आरडब्ल्यूए के महासचिव विनोद शावरे और संयुक्त महासचिव संजय गाबा ने आरोप लगाया है कि अब तक बिल्डर-बायर करार के मुताबिक भी बुनियादी सुविधाएं इस कालोनी में नहीं दी गई। अभी तक इस कालोनी में बिजली का स्थायी कनेक्शन नहीं है। क्लब नहीं है। बिजली कट होने की स्थिति में अधिकांश समय जेनरेटर पर यह सोसायटी आश्रित रहती है। टावर डी-6 में एक लिफ्ट अभी तक नहीं लगी है। अंदरूनी सड़कों का पूर्णतया निर्माण नहीं हुआ है।

बिल्डर ने साल 2017 में ओसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्रोजेक्ट अधूरा होने के कारण आवेदन रद हो गया। ओसी नहीं होने से रजिस्ट्री नहीं हो रही और राजस्व विभाग को वित्तीय नुकसान पहुंच रहा है।

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