एम्मार एमरल्ड हिल्स टाउनशिप की कनेक्टिविटी का किया निरीक्षण
समाधान के लिए डीटीपीई ने बिल्डर प्रबंधन को दिशा-निर्देश दिए। एटीपी का कहना है कि टाउनशिप के लिए बिल्डर ने जो कनेक्टिविटी नक्शे में दिखाई थी वह मौके पर मौजूद नहीं है। जिसकी वजह से निवासियों को अस्थायी सड़कों से आना पड़ता है।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: सेक्टर-65 स्थित एम्मार एमरल्ड हिल्स टाउनशिप की कनेक्टिविटी समस्या को लेकर डीटीपी एन्फोर्समेंट ने मंगलवार को निरीक्षण किया। इस दौरान उनकी टीम ने चार अलग-अलग स्थानों का दौरा किया, जहां पर कनेक्टिविटी बाधित थी। मुख्य तौर पर 24 मीटर इंटरनल रोड से टाउनशिप की कनेक्टिविटी का मुद्दा है, जिसके चलते लोगों को अपनी टाउनशिप तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डीटीपीई के निरीक्षण के दौरान टाउनशिप के 100 से अधिक निवासी, आरडब्ल्यूए पदाधिकारी व बिल्डर प्रबंधन के लोग भी मौजूद रहे। डीटीपीई आरएस बाठ के नेतृत्व में एटीपी आशीष शर्मा और जेई अनिल मौजूद रहे। एटीपी आशीष शर्मा ने बताया कि मौके का लगभग तीन घंटे निरक्षण करने के बाद समस्या को समझा गया और इसके समाधान के लिए डीटीपीई ने बिल्डर प्रबंधन को दिशा-निर्देश दिए। एटीपी का कहना है कि टाउनशिप के लिए बिल्डर ने जो कनेक्टिविटी नक्शे में दिखाई थी, वह मौके पर मौजूद नहीं है। जिसकी वजह से निवासियों को अस्थायी सड़कों से आना पड़ता है।
स्थानीय निवासियों की मानें तो पिछले दिनों एकमात्र अस्थायी सड़क बरसात के चलते जमीन में धंस जाने से वह रास्ता भी बंद हो गया। अब लोगों को घूमकर फिरकर आना पड़ रहा है और उसमें भी कई बार बिल्डर जिनके प्रोजेक्ट वहां चल रहे हैं, वह जबरन रास्ता बंद कर देते हैं और लोगों के लिए अपनी टाउनशिप पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है।
टीम के निरीक्षण करने के दौरान पता चला कि विभाजित सड़क से जो टाउनशिप के लिए मुख्य कनेक्टिविटी दिखाई हुई है, उसमें रास्ते के बीच अभी किसी निजी व्यक्ति के स्वामित्व वाली जमीन लगती है जिसकी वजह से सड़क का निर्माण नहीं हुआ। स्थानीय निवासी उमेश सपरा, राकेश कुमार का कहना है कि बिल्डर ने उनके साथ धोखाधड़ी की है, पैसे तो पूरे ले लिए लेकिन आज तक भी कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दे पाए। बिल्डर प्रबंधन को निर्देश दिए गए है कि 30 दिन के भीतर जो भी वर्तमान सड़कें हैं उन्हें दुरस्त करके दिया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सर्विस रोड को कोई अन्य बिल्डर बंद न करे। इसके अलावा कनेक्टिविटी को लेकर बिल्डर अपना प्रस्ताव 15 से 30 दिन के भीतर विभाग को दे ताकि नियमावली के तहत इस मुद्दे को अलग से उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाए।
आरएस बाठ, डीटीपीई