सोसायटियों से निकलने वाले सीवरेज को खुले में डाल रहे टैंकर चालक

सेक्टर-92 स्थित सारे होम्स व अंसल हाइटस सोसायटियों में चल रही रेन वाटर हार्वेस्टिग पिट्स की सफाई में प्रदूषण नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:29 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:29 PM (IST)
सोसायटियों से निकलने वाले सीवरेज  को खुले में डाल रहे टैंकर चालक
सोसायटियों से निकलने वाले सीवरेज को खुले में डाल रहे टैंकर चालक

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: सेक्टर-92 स्थित सारे होम्स व अंसल हाइटस सोसायटियों में चल रही रेन वाटर हार्वेस्टिग पिट्स की सफाई में प्रदूषण नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सफाई के नाम पर टैंकरों से निकाले जा रहे सीवरेज के पानी को सोसायटी से भरकर बाहर खुले में सड़कों पर खाली कर दिया जाता है। इससे न केवल प्रदूषण हो रहा है बल्कि आस-पास रहने वाले सोसायटी निवासियों को बदबू और फैल रही गंदगी का सामना करना पड़ता है।

बता दें कि बीते दिनों डीटीपी एन्फोर्समेंट आरएस बाठ ने चार सोसायटियों का निरीक्षण कर रेन वाटर हारवेस्टिग पिट्स की जांच की थी जिसमें से सारे होम्स और रहेजा नवोदया सोसायटी के पिट्स बुरी हालत में थे। सारे होम्स में सीवरेज का पानी ओवरफ्लो होकर हारवेस्टिग पिट्स में जा रहा था। अंसल हाइटस में भी पिट्स की सफाई का काम चल रहा है। डीटीपीई बाठ की तरफ से एक सप्ताह के भीतर सभी पिट्स की सफाई करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन अब सफाई के नाम पर प्रदूषण फैलाने और पर्यावरण को प्रदूषित करने का काम शुरू कर दिया गया है।

सोसायटियों में से टैंकरों से निकाले जा रहे सीवर के पानी को खुले में सड़कों पर डाला जा रहा है। सारे होम्स सोसायटी निवासी प्रवीन मालिक का कहना है कि सीवरेज वाटर को खुले में सड़कों पर डालना प्रदूषण नियमों के खिलाफ है। इसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग व नगर निगम मानेसर के अधिकारियों को शिकायत भी दर्ज कराई गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासियों की मांग है कि प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस तरह से नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

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सीएंडी वेस्ट निपटान में ताक पर नियम, जगह -जगह लगे हैं मलबे के ढेर

(फोटो- 29 जीयूआर 24)

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर में जगह-जगह पड़े मलबे के ढेरों से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। जिन कंपनियों को निपटान व उठान का जिम्मा सौंपा गया था, उसमें नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। नगर निगम ने दो एजेंसियों को यह कार्य सौंपा हुआ है। मलबे के ढेरों को उठाकर बसई स्थित सीएंडडी वेस्ट प्लांट तक पहुंचाने का काम अलाट किया था। लेकिन नगर निगम सदन की बैठक में पार्षदों के विरोध के बाद एजेंसी के कार्य पर रोक लगा दी थी, इस कारण कंपनी ने करीब छह माह से ज्यादा समय से शहर से खुले में पड़े मलबे को उठाना बंद कर दिया है और मलबे के ढ़ेर लग चुके हैं। अरावली क्षेत्र में भी काफी जगह मलबे के ढ़ेर लग चुके हैं। फरीदाबाद रोड पर खूशबू चौक और सेक्टर-53 में भी काफी जगहों पर मलबा पड़ा है। इस तरह हो रही है नियमों की अवहेलना

सीएंडडी वेस्ट प्लांट को संचालित करने वाली कंपनी ने नियम विरुद्ध अपना कार्य आगे किसी अन्य एजेंसी को दे दिया है यानी सब-लेट कर दिया है। यह समझौते की शर्त के खिलाफ है। एग्रीमेंट शर्तों के मुताबिक कंपनी मलबे के निस्तारण का कार्य किसी अन्य एजेंसी को नहीं देगी। लेकिन प्लांट चलाने का कार्य किसी अन्य एजेंसी को सौंप दिया है। बसई स्थित प्लांट पर भी दो अन्य कंपनियों का बोर्ड लगा हुआ है। नगर निगम के एक्सईएन सुंदर श्योराण के मुताबिक सीएंडडी वेस्ट प्लांट की क्षमता प्रतिदिन तीन सौ टन की है और गुरुग्राम से रोजाना सात सौ से आठ सौ टन मलबा निकल रहा है। काम सब-लेट करने का मामला संज्ञान में नहीं है।

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