कंट्रोल रूम के एक बटन से बंद और चालू हो जाएगी पेयजल आपूर्ति

अगर सोसायटी या बिल्डर ने पेयजल बिल नहीं भरा तो कंट्रोल रूम के एक बटन से उसकी पेयजल आपूर्ति बंद हो जाएगी। शहर में पेयजल आपूर्ति को बंद या चालू करने के लिए बूस्टिग स्टेशनों या वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर जाने की जरूरत नहीं रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 07:36 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 07:36 PM (IST)
कंट्रोल रूम के एक बटन से बंद और चालू हो जाएगी पेयजल आपूर्ति
कंट्रोल रूम के एक बटन से बंद और चालू हो जाएगी पेयजल आपूर्ति

संदीप रतन, गुरुग्राम

अगर सोसायटी या बिल्डर ने पेयजल बिल नहीं भरा तो कंट्रोल रूम के एक बटन से उसकी पेयजल आपूर्ति बंद हो जाएगी। शहर में पेयजल आपूर्ति को बंद या चालू करने के लिए बूस्टिग स्टेशनों या वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर जाने की जरूरत नहीं रहेगी। गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी (जीएमडीए) द्वारा स्मार्ट वाटर सिस्टम को लागू किया जाएगा। फिलहाल यह पायलट प्रोजेक्ट है और बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से धनवापुर पेयजल लाइन पर बने 31 अंडग्राउंड टैंकों पर इसकी शुरुआत कर लगभग 450 शेष अंडरग्राउंड यानी पानी को स्टोर करने वाले भूमिगत टैंकों पर स्मार्ट सिस्टम को लगाया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट पर नौ अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई जीएमडीए की बैठक में भी चर्चा हुई थी। बता दें कि इन दिनों शहर में 465 एमएलडी पेयजल आपूर्ति की जा रही है। चंदू बुढ़ेड़ा और बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की सप्लाई होती है। चंदू बुढ़ेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 300 एमएलडी और बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 270 एमएलडी है।

स्मार्ट सिस्टम में यह होगा खास

- सेंट्रलाइज्ड इंटीग्रेटेड वाटर मैनेजमेंट सिस्टम लगाने से पानी की बर्बादी रुकेगी।

- अंडरग्राउंड टैंकों, मुख्य पेयजल लाइनों और वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर फ्लो मीटर, लेवल सेंसर और प्रेशर गेज लगाए जाएंगे।

- कहां कितनी पेयजल आपूर्ति हुई, खपत कितनी हुई, इसका पता भी आसानी से लग जाएगा।

- बिल्डर एरिया या सोसायटियों ने अगर पेयजल बिल का भुगतान नहीं किया तो सेक्टर 44 स्थित जीएमडीए के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से पेयजल आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।

- अंडरग्राउंड टैंकों में पानी कम होने या इनके ओवरफ्लो होने पर तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी।

- कमांड सेंटर के अलावा बाद में इसे जीएमडीए के मोबाइल एप पर भी अपडेट किया जाएगा ताकि पेयजल आपूर्ति प्रणाली की हर कहीं से मोबाइल के जरिए निगरानी हो सके।

- लाइनों के लीकेज और कम प्रेशर की जानकारी भी मिलेगी।

- पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अब इस स्मार्ट वाटर सिस्टम को लगभग 450 अंडरग्राउंड टैंकों और वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर लगाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

पीके अग्रवाल, सलाहकार (स्मार्ट सिटी) जीएमडीए।

chat bot
आपका साथी