सीआरपीएफ अकादमी कादरपुर के उप कमांडेंट को मिला उत्कृष्टता पदक
सीधे भर्ती राजपत्रित अधिकारियों के लिए देश के एकमात्र प्रशिक्षण केंद्र सीआरपीएफ अकादमी कादरपुर के उप कमांडेंट कुलदीप सिंह को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस उत्कृष्टता पदक से नवाजा है।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर (गुरुग्राम): सीधे भर्ती राजपत्रित अधिकारियों के लिए देश के एकमात्र प्रशिक्षण केंद्र सीआरपीएफ अकादमी कादरपुर के उप कमांडेंट कुलदीप सिंह को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस उत्कृष्टता पदक से नवाजा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से यह पदक कुलदीप सिंह को सीआरपीएफ की 229वीं बटालियन के कमांडेंट विवेक भंद्राल ने दिया। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में बटालियन में आयोजित कार्यक्रम में पदक व प्रशंसा पत्र दिया गया।
कुलदीप सिंह ने 5 वर्ष से ज्यादा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अकादमी, कादरपुर में सीधे नियुक्त राजपत्रित अधिकारियों को उच्च कोटि का प्रशिक्षण देने एवं प्रशिक्षण के स्तर को फील्ड की जरूरतों के अनुसार और ज्यादा प्रभावशाली बनाने का कार्य किया। कुलदीप सिंह की कार्यशैली से सभी अधिकारी बेहद संतुष्ट रहे। बेहतर प्रशिक्षक के रूप में उनको सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस उत्कृष्टता पदक से नवाजे जाने के लिए गृह मंत्रालय को संस्तुति की।
यह पदक देश भर में पुलिस प्रशिक्षण में अपना बेहतरीन योगदान देने वाले चुनिदा प्रशिक्षकों को प्रदान किया जाता है। वर्तमान में उप कमांडेंट कुलदीप सिंह नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर छत्तीसगढ़ में 229वीं वाहिनी में पदस्थ हैं। आज 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ की 229वीं वाहिनी के कमांडेंट विवेक भंद्राल ने यह पदक देकर सम्मानित किया।
अकादमी में अभी तक कार्यरत 18 अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से बेहतर सेवा के पदक से नवाजा जा चुका है। इनमें अशोक स्वामी (कमांडेंट) वीके वर्मा (टूआइसी), नरेंद्र यादव (टूूआइसी), डीके सिंह देव (डिप्टी कमांडेंट), ठाकुर दिवाकर सिंह (डिप्टी कमांडेंट), योगेश कुमार (डिप्टी कमांडेंट), एचएस खटाना (निरीक्षक) के अलावा मुख्य सिपाही ओंकार सिंह जाट, अद्धया, धर्मवीर सिंह, जफर इकबाल शामिल है।
अकादमी में प्रशिक्षित अधिकारियों में से 131 को पुलिस पदक, 2 को राष्ट्रपति पदक, 5 को शौर्य पदक और 1 को कीर्ति चक्र से नवाजा जा चुका है। पांच अधिकारी देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं।