आइएमटी चौक पर अंडरपास बनाए जाने की मांग

दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित आइएमटी चौक के नजदीक स्थानीय लोगों और उद्यमियों ने अंडरपास और फुटओवर ब्रिज बनाने की मांग की है। इसके लिए स्थानीय लोगों की तरफ से पहले भी कई बार मांग की जा चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 05:56 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:56 PM (IST)
आइएमटी चौक  पर अंडरपास बनाए जाने की मांग
आइएमटी चौक पर अंडरपास बनाए जाने की मांग

जागरण संवाददाता, मानेसर: दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित आइएमटी चौक के नजदीक स्थानीय लोगों और उद्यमियों ने अंडरपास और फुटओवर ब्रिज बनाने की मांग की है। इसके लिए स्थानीय लोगों की तरफ से पहले भी कई बार मांग की जा चुकी है। उद्यमियों ने भी इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। उद्यमियों का कहना है कि आइएमटी चौक को पूर्ण रूप से विकसित नहीं किया गया है। इससे यहां रोजाना लोगों के साथ हादसे हो रहे हैं। कई लोग यहां अपनी जान गंवा चुके हैं। इसको देखते हुए इसे पूर्ण रूप से तैयार किया जाना चाहिए और यहां पैदल और दुपहिया वाहन चालकों के लिए अंडरपास या फुट ओवरब्रिज बनाया जाना चाहिए।

आइएमटी चौक पर काफी समय पहले भी अंडरपास और फुट ओवरब्रिज बनाने की मांग की गई थी। यहां बन रहे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अंडरपास और फुटओवर ब्रिज बनाया जाना था। अब फ्लाईओवर तैयार हो चुका है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे पहले हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेट कारपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) के अधिकारियों के सामने भी बात रखी थी। काफी समय पहले एचएसआइआइडीसी के अधिकारियों ने मौके का मुआयना भी किया था और यहां होने वाली समस्याओं को समझा था।

एचएसआइआइडीसी की तरफ से भी एनएचएआइ के अधिकारियों को लिखा जा चुका है। आइएमटी चौक के एक तरफ तो औद्योगिक क्षेत्र विकसित है और दूसरी तरफ रिहायशी सेक्टर एक व गांव मानेसर स्थित है। सेक्टर एक की तरफ से औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाले लोगों को पूरा मुख्य हाईवे पार करना पड़ता है।

मानेसर प्लाट अपार्टमेंट वेलफेयर संगठन के प्रधान सुनील पंवार और सेक्टर एक आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष शशि यादव ने बताया कि आइएमटी चौक पर अंडरपास नहीं बनाया गया है। इससे पैदल और दुपहिया वाहन चालक मुख्य सड़क से ही दूसरी तरफ जाते हैं। इससे किसी भी समय हादसा हो सकता है। कई बार यहां ऐसे हादसे हुए भी हैं। इस तरफ कई बार शिकायत दे चुके हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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