दिल्ली के आसपास ही हो सकता है शताब्दी ट्रेन में बम की झूठी सूचना देने वाला
अजमेर से दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना देने वाला युवक दिल्ली या आसपास के इलाके में ही है। मंगलवार-बुधवार की रात लगभग ढाई बजे उसने अपना मोबाइल आन किया था।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अजमेर से दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना देने वाला युवक दिल्ली या आसपास के इलाके में ही है। मंगलवार-बुधवार की रात लगभग ढाई बजे उसने अपना मोबाइल आन किया था। उसकी लोकेशन सिरहौल बार्डर थी। साफ है कि वह दिल्ली या आसपास के इलाके में कहीं घूम रहा है या फिर दिल्ली होते हुए कहीं बाहर निकल गया। उसके ऊपर जीआरपी गुरुग्राम, जीआरपी रेवाड़ी के साथ ही दिल्ली पुलिस भी नजर रख रही है। स्वजन से कहा गया है कि जैसे ही वह घर आए या फिर उसके बारे में कहीं से सूचना मिले, पुलिस को जानकारी दी जाए।
छानबीन के मुताबिक दिल्ली के करावल नगर निवासी आरोपित रविद्र कुमार कई बार राजस्थान में दौसा के प्रसिद्ध बालाजी मंदिर जा चुका है। दो बार स्वजन के साथ गया था। इसके बाद से अकेला ही जाता है। वहां पर मानसिक रूप से परेशान लोग इलाज के लिए जाते हैं। रविद्र का भी वर्ष 2014 से मानसिक समस्या का इलाज चल रहा है। उसका दिल्ली के लेडी हार्डिंग हास्पिटल में भी इलाज चल रहा है। उसे मंगलवार रात ही घर पहुंच जाना था, लेकिन बृहस्पतिवार शाम तक नहीं पहुंचा था। स्वजन भी अपने स्तर पर तलाश कर रहे हैं। उन्हें भी चिता है कि कहीं रविद्र भटक तो नहीं गया। रविद्र अपनी मां-बाप की इकलौती संतान है। दो साल पहले से उसकी पत्नी मायके में ही रह रही है। उसकी एक बेटी है।
पिता को थाने लेकर पहुंची जांच टीम
जीआरपी गुरुग्राम थाने की जांच टीम रविद्र के पिता मातादीन को लेकर बुधवार शाम दिल्ली के खजूरी थाने में पहुंची। करावल नगर इसी थाने के अंतर्गत पड़ता है। थाना पुलिस से मातादीन की पहचान कराई गई ताकि यदि उन्हें अपने बेटे के बारे में कहीं से भी कुछ जानकारी मिलती है तो उसकी सूचना संबंधित थाने को देते रहें। मातादीन ने विश्वास दिलाया है कि वह स्थानीय थाना पुलिस के साथ जीआरपी गुरुग्राम को भी जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने का लाभ नहीं
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने का कोई लाभ नहीं है क्योंकि स्वजन के पास रविद्र की फोटो नहीं। ऐसे में कैमरे से कुछ भी पता नहीं चलेगा। जीआरपी थाना प्रभारी सबइंस्पेक्टर रामफल कहते हैं कि जब चेहरे की पहचान ही नहीं तो फुटेज देखने का अधिक लाभ नहीं होगा। उसने अपना मोबाइल बंद कर रखा है अन्यथा अब तक पकड़ में आ जाता। मोबाइल आन होते ही लोकेशन का पता चल जाएगा। सभी जगह पुलिस सक्रिय है।
बता दें कि रविद्र राजस्थान में दौसा जिले के बांदीकुई रेलवे स्टेशन से शताब्दी एक्सप्रेस में बैठा था। वह मंगलवार रात लगभग नौ बजे रेवाड़ी स्टेशन पर उतर गया था। कुछ देर बाद ही उसने अपने मोबाइल से पुलिस कंट्रोल रूम को शताब्दी एक्सप्रेस में बम रखे जाने की सूचना दी थी। पुलिस जब तक सक्रिय हुई तब तक ट्रेन गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर पहुंच चुकी थी। लगभग दो घंटे की छानबीन के बाद ट्रेन को रवाना किया गया था। मोबाइल नंबर से रविद्र कहां का रहने वाला है, जानकारी सामने आई। रविद्र के पुरखे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के आसपास के रहने वाले थे। वर्षों से पूरा परिवार दिल्ली में ही रह रहा है।