दिल्ली की घटना शर्मसार करने वाली

किसान आंदोलन की आड़ में जिस तरह से हिसा हुई इसे लेकर सभी वर्ग के लोगों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ लोग देश में अराजकता का माहौल पैदा करने में तुले हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 07:09 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 08:19 PM (IST)
दिल्ली की घटना शर्मसार करने वाली
दिल्ली की घटना शर्मसार करने वाली

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: किसान आंदोलन की आड़ में जिस तरह से हिसा हुई, इसे लेकर सभी वर्ग के लोगों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ लोग देश में अराजकता का माहौल पैदा करने में तुले हुए हैं। केंद्र सरकार को ऐसे असामाजिक तत्वों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। लाल किला जैसे स्थान पर चढ़कर कब्जा करना, यह किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं है।

देश में अपनी मांगों के लिए आंदोलन पहले भी हुए हैं लेकिन जिस तरह से आज आंदोलन की आड़ में देश को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है वह पूरी तरह निदनीय है। हालांकि विपक्षी नेता इसके पीछे भी सरकार की विफलता बता रहे हैं। जिस तरह से आज दिल्ली के लाल किला आइटीओ पर हिसक घटनाओं को अंजाम दिया गया है, इसे देखकर यह किसानों का आंदोलन बिल्कुल नहीं लग रहा है। किसान आंदोलन की आड़ में देश को तोड़ने वाली ताकतें हावी हो गई हैं। जहां से हमने कभी अंग्रेजों और मुगलों को भगाया था, आज उसी पवित्रता के प्रतीक लाल किला पर कब्जा करना पूरी तरह से अराजकता है।

- कमांडर (सेवानिवृत्त) उदयबीर यादव दिल्ली में जो हुआ उसे देखकर तो यह किसान आंदोलन नहीं बल्कि पूरी तरह से देश को तोड़ने की साजिश लग रही है। देश विरोधी ताकतें इसमें आगे बढ़ती नजर आ रही हैं। पहले से ही इनका कार्यक्रम तय था। पुलिस ने जो रूट इन को तय करके दिए थे, वह इनको पहले ही स्वीकार नहीं थे। किसान आंदोलन की आड़ में देश को तोड़ने वाली इन ताकतों के खिलाफ सरकार को सख्ती से निपटने की जरूरत है।

- कमांडेंट (सेवानिवृत्त) बीआर यादव पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया, बसों को हाईजैक कर ट्रैक्टर से टक्कर मारना, यह किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं हो सकता। सरकार ने कृषि कानून में संशोधन के लिए कई दौर की वार्ता किसानों के साथ कर ली। सरकार किसानों की सभी बातें मानने को तैयार है, उसके बाद भी किसान आंदोलन को हवा दी जा रही है। किसान आंदोलन की आड़ में देश में अराजकता फैलाई जा रही है। इस अराजकता के माहौल में किसान कहीं भी नहीं दिखाई दे रहे हैं।

- जितेंद्र कुमार, किसान गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के नाम पर पहले से ही साजिश की जा रही थी। सरकार ने ट्रैक्टर परेड के लिए इजाजत भी दे दी। सरकार किसानों की जो मांग है, उनको मानने को भी तैयार है, कृषि कानून में संशोधन के लिए बार-बार कह रही है, उसके बाद भी हिसक आंदोलन किया जा रहा है। लाल किले पर किसान संगठन का झंडा फहराना देशद्रोह है। ऐसे देशद्रोहियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है।

- सतीश नंबरदार, किसान किसान आंदोलन के नाम विपक्षी नेता अपनी रोटी सेंक रहे हैं। दिल्ली की घटना इस बात की बानगी है। किसान बन अराजक तत्व रैली में शामिल हुए और कानून व्यवस्था को तार-तार किया गया। ऐतिहासिक लाल किला पर झंडा फहरा तलवार लहराई गई। यह सुनियोजित प्लान के तहत किया गया। ऐसे लोगों का मकसद देश को अस्थिर करना है।

गार्गी कक्कड़, जिला अध्यक्ष, भाजपा किसान कभी आतंकी नहीं हो सकता। दिल्ली में जो हिसा हुई। इसकी हम निदा करते हैं। सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। हम हिसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी करते हैं। देश की अस्मिता से किसी भी हालत में खिलवाड़ नहीं होने देना चाहिए।

कैप्टन अजय यादव, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री हम कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा था जो रूट प्रशासन तय करे उसी रूट पर ट्रैक्टर रैली निकालनी है। यही हमने गुरुग्राम में किया भी दिल्ली की घटना के बारे में अधिक जानकारी नहीं पर किसान कभी हिसा का रास्ता नहीं पकड़ेंगे।

संतोख सिंह, अध्यक्ष संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम

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