142 गांवों में लाल डोरा के भीतर संपतियों की निशानदेही कर की गई मार्किग

जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने जिला विकास एवं पंचायत कार्यालय के माध्यम से करवाए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान स्वामित्व योजना पर अमल को लेकर बताया गया कि जिले के 142 गांवों में लाल डोरा के भीतर स्थित संपतियों की निशानदेही करवाकर चूना से मार्किंग का कार्य पूरा किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 07:45 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 07:45 PM (IST)
142 गांवों में लाल डोरा के भीतर संपतियों की निशानदेही कर की गई मार्किग
142 गांवों में लाल डोरा के भीतर संपतियों की निशानदेही कर की गई मार्किग

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने जिला विकास एवं पंचायत कार्यालय के माध्यम से करवाए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान स्वामित्व योजना पर अमल को लेकर बताया गया कि जिले के 142 गांवों में लाल डोरा के भीतर स्थित संपतियों की निशानदेही करवाकर चूना से मार्किंग का कार्य पूरा किया जा चुका है। उपायुक्त ने जिला विकास एवं पंचायत कार्यालय के माध्यम से करवाए जाने वाले डी प्लान, परिवार पहचान पत्र, न्यायालयों में लंबित मामलों, स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, मुख्यमंत्री की घोषणाओं, शिवधाम नवीकरण योजना, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, गोबरधन प्रोजेक्ट, सीएम विडो आदि की समीक्षा की। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार भी बैठक में उपस्थित रहे।

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने बताया कि 130 गांवों में ड्रोन से सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है। जिले के 33 गांवों में निशानदेही और सर्वे आदि के बाद नक्शे तैयार करके डेटा सर्वे आफ इंडिया के कार्यालय में जमा भी कराया जा चुका है। जिनमें से 11 गांवों के नक्शे फाइनल होकर सर्वे आफ इंडिया को वापिस भी मिल चुके हैं। इन 11 गांवों के लोगों की 469 रजिस्ट्रियां भी करवाई जा चुकी हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के 70 गांवों को इस योजना के तहत कवर किया जा चुका है। योजना के तहत फरुखनगर और सोहना ब्लाक के 32 गांवों की लगभग 10 हजार 921 हेक्टेयर भूमि का संरक्षण किया गया है। इसके अलावा जिले के 38 अन्य गांवों में तीन वाटर शेड प्रोजेक्ट चालू किए गए हैं। यही नहीं जिले के 54 राजकीय विद्यालयों में रूफ टाप रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाए गए हैं।

गांव पालड़ी और सिवाड़ी में खारा पानी था और वहां के निवासी हर महीने लगभग 90 हजार रुपये की राशि खर्च करके पेयजल खरीदते थे। वाटरशेड परियोजनाओं के अंतर्गत वहां दो तालाब बनाए गए जिससे भूमिगत जल का स्वरूप बदल गया। अब ग्रामीणों को पीने के लिए पानी खरीदना नहीं पड़ता। शिवधाम नवीकरण योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के 166 गांवों में 324 शिवधाम बनने थे, जिनमें से 131 पूरे हो चुके हैं। इस योजना के तहत गांव श्मशान घाट की चारदीवारी, उसमें शेड, वहां तक जाने के लिए पक्का रास्ता तथा वहां पर पानी की व्यवस्था की जानी थी। उपायुक्त डा. गर्ग ने कहा कि इस योजना के महत्व को समझते हुए बचे हुए कार्यों को भी जल्द पूरा करें। इसी तरह अन्य योजनाओं की समीक्षा की गई।

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