किसानों के दिल्ली कूच से थम गई साइबर सिटी की रफ्तार
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली कूच से बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक साइबर सिटी की रफ्तार रुकी रही। अधिकतर कामकाजी लोग न दिल्ली से गुरुग्राम पहुंच सके और न गुरुग्राम से दिल्ली जा सके।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली कूच से बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक साइबर सिटी की रफ्तार रुकी रही। अधिकतर कामकाजी लोग न दिल्ली से गुरुग्राम पहुंच सके और न गुरुग्राम से दिल्ली जा सके। सिरहौल बार्डर एवं आया नगर बार्डर के नजदीक दिन भर ट्रैफिक का दबाव बना रहा। सिरहौल बार्डर से लेकर एटलस चौक के नजदीक तक यानी दो से तीन किलोमीटर तक कई बार ट्रैफिक का दबाव बना। इसका असर उद्योग विहार, साइबर सिटी से लेकर कई इलाकों पर देखा गया।
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बुधवार शाम चार बजे से ही सभी सीमावर्ती इलाकों पर नाके लगाकर वाहनों की जांच शुरू कर दी गई थी। सीमावर्ती इलाकों की जिम्मेदारी अलग-अलग पुलिस उपायुक्त को दी गई थी। सहायक पुलिस आयुक्तों को भी अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी दी गई थी। रेवाड़ी, नूंह एवं पलवल की तरफ से किसानों का काफिला न पहुंचे इसके लिए दिल्ली-जयपुर हाईवे से लेकर केएमपी एक्सप्रेस-वे पर भी जगह-जगह नाके लगाए गए थे। पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी) दीपक सहारण की जिम्मेदारी सबसे संवेदनशील सिरहौल बार्डर पर लगाई गई थी।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव अधिक होने की वजह से कई बार वाहनों की लाइनें सिरहौल बार्डर से लेकर इफको चौक के नजदीक तक पहुंच गई थी। इस वजह से एंबुलेंस के भी निकलने में परेशानी हुई। सिरहौल बार्डर पर ट्रैफिक के दबाव को देखकर काफी वाहन चालक रांग साइड से वापस लौट गए। आया नगर बार्डर से भी काफी वाहन चालक दिल्ली जाने की बजाय लौट गए। पल-पल की जानकारी हासिल करते रहे आयुक्त
पुलिस आयुक्त केके राव ने सीमावर्ती इलाकों के बारे में एक-एक पल की जानकारी हासिल करते रहे। बताया जाता है कि पहली बार ऐसा हुआ है जब किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सभी सहायक पुलिस आयुक्त से लेकर पुलिस उपायुक्त तक की सीमाओं पर ड्यूटी लगाई गई हो। किसी भी हाल में माहौल न बिगड़े इसे ध्यान में रखकर उच्च अधिकारियों को ही मोर्चा संभालने को कहा गया था।
पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन का कहना है कि जिले में कहीं से भी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं सामने आई। यही नहीं किसानों का काफिला भी गुरुग्राम से दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं किया। कोरोना संकट में कहीं भी भीड़भाड़ ठीक नहीं। इसे ध्यान में रखकर ही सीमावर्ती इलाकों से लेकर कई अन्य जगह नाके लगाए गए थे। मुझे दिल्ली जाना है। काफी देर से जाम में फंसा हूं। समय पर नहीं पहुंच पाने पर काम काफी प्रभावित हो जाएगा। गुरुग्राम इलाके से बहुत ही कम किसान दिल्ली जाते हैं। ऐसे में इतनी सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत नहीं थी।
पवन कुमार मैं पालम एयरपोर्ट पर काम करता हूं। एक घंटे से जाम में फंसा हूं। अब मेरे लिए समय पर आफिस पहुंचना काफी मुश्किल है। सिरहौल बार्डर एनसीआर का सबसे व्यस्तम बार्डर है। कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए थी कि जाम न लगे।
-अजय कुमार मैं भी एयरपोर्ट पर काम करता हूं। घर से समय पर निकला था। पता नहीं था कि सिरहौल बार्डर पर जाम लगने वाला है अन्यथा सुबह आठ बजे से पहले ही निकल जाता। समय पर निकलने के बाद भी काफी देर हो गई।
-धर्मेंद्र कुमार मुझे कनाट प्लेस जाना था लेकिन जाम की वजह से फैसला बदलना पड़ा। सिरहौल बार्डर पर नाके लगाना उचित नहीं है। कुछ ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए जिससे कि नाके लगाने की आवश्यकता न हो।
-जितेंद्र कुमार मैं दिल्ली जाने के लिए घर से समय पर निकला था। शंकर चौक के नजदीक आकर जाम में फंस गया। सिरहौल बार्डर पर ट्रैफिक का दबाव न बढ़े इसके लिए शाम पांच बजे तक भारी वाहनों के लिए नो एंट्री लगाना चाहिए था।
-अमित कुमार नो एंट्री खुलने के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भारी वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया था। इसका सबसे अधिक असर सिरहौल बार्डर पर दिखा। ट्रकों की लाइनें सिरहौल बार्डर से शंकर चौक के नजदीक तक पहुंच गई थीं।
-गौरव गाबा