सीआरपीएफ ने मनाया 83वां स्थापना दिवस
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कादरपुर स्थित समूह केंद्र में बल का
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कादरपुर स्थित समूह केंद्र में बल का 83वां स्थापना दिवस उत्साह से मनाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह रहे। भारी बारिश के बीच जवानों ने भव्य परेड निकाली। महानिदेशक को गार्ड आफ आनर दिया गया। कार्यक्रम में विशेष महानिदेशक संजय चंद्र, सीआरपीएफ अकादमी के अतिरिक्त महानिदेशक केएस भंडारी, उत्तरी क्षेत्र के महानिदेशक राजेश कुमार, समूह केंद्र कादरपुर के उपमहानिरीक्षक सुनील जून के अलावा सभी अधिकारियों ने बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
महानिदेशक कुलदीप सिंह ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर जवानों को शहीद स्मारक शौर्य स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सीआरपीएफ के जवानों ने देशभक्ति के गीतों पर आधारित बैंड से मधुर धुन बजाई। कुलदीप सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ को 246 बटालियन के साथ सबसे बड़ा दल होने का गौरव हासिल है। बल के 2235 कार्मिकों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में मां भारती की रक्षा करते हुए और आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। बल के जवान जहां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वहीं जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र, छत्तीसगढ़ व झारखंड जैसे नक्सलवाद इलाकों में नक्सलवादियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। संयुक्त राष्ट्र संघ के मिशन पर सीआरपीएफ के जवान शांति दूत के रूप में कोसोवो, लाइबेरिया व हैती देशों में भी भेजे जाते रहे है। बल के गठन का इतिहास
27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस (सीआरपी) की स्थापना राजसी रियासतों में शांति स्थापित करने के लिए की गई थी। उस समय सीआरपी की स्थापना नीमच (मध्यप्रदेश) में हुई थी। 28 दिसंबर 1949 को इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर दिया गया। आजादी के समय सीआरपीएफ की दो बटालियन थीं। जिसके लगातार विस्तार होते हुए आज 246 बटालियन हो गईं। सीआरपीएफ में 203 एजुकेटिव बटालियन, पांच वीआइपी सुरक्षा की बटालियन, छह महिला बटालियन, 15 आरएएफ, 10 कोबरा, पांच सिग्नल बटालियन है। इसके अलावा एक स्पेशल ड्यूटी ग्रुप और एक संसद भवन ड्यूटी ग्रुप अलग से है।