ओम नम: शिवाय- प्राचीन काला महादेव मंदिर

जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर फरुखनगर कस्बे के वार्ड-चार में स्थित प्राचीन काला महादेव मंदिर क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस मंदिर की काले खां नाम के मुस्लिम युवक ने नींव रखी थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:33 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:33 PM (IST)
ओम नम: शिवाय- प्राचीन काला महादेव मंदिर
ओम नम: शिवाय- प्राचीन काला महादेव मंदिर

ओम नम: शिवाय- प्राचीन काला महादेव मंदिर

जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर फरुखनगर कस्बे के वार्ड-चार में स्थित प्राचीन काला महादेव मंदिर क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस मंदिर की काले खां नाम के मुस्लिम युवक ने नींव रखी थी। उसी के नाम पर इस मंदिर का नाम काला महादेव रखा गया। यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में सावन के महीने ने हजारों की संख्या में शिव भक्त पूजा करने के लिए आते हैं।

ऐसे पहुंचें मंदिर

गुरुग्राम से फरुखनगर कस्बे की सीधी बस मिलती है। बस अड्डे से आगे गोल बावड़ी के पास यह मंदिर बनाया हुआ है। बस अड्डे से होते हुए दिल्ली गेट से काला महादेव की गली में आना होता है। मंदिर की विशेषता

काला महादेव मंदिर में शिवलिग के अलावा हनुमान मंदिर, मां शेरावाली का सिंहासन विराजमान है। इस मंदिर में साल भर में अनेक धार्मिक कार्यक्रम किए जाते है। मंदिर में प्रत्येक दिन गिरीश चंद भारद्वाज पूजा अर्चना करवाते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं को मनोकामना भी पूरी होती है। इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करने आते हैं। सावन के सोमवार को भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। भजन होते रहते हैं। प्राचीन काला महादेव मंदिर में सावन के महीने में दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा करने के लिए आते हैं। यहां भोले भंडारी के अलावा हनुमान जी भी विराजमान हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में शिव की उपासना करने से इंसान के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं। सावन के महीने में शिव की पूजा करने से धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

-गिरीश चंद भारद्वाज, मंदिर के पुजारी इस मंदिर को वर्ष 1859 में काले खां नाम के युवक ने स्थापित किया था। मंदिर में रोजाना शिव चालीसा पढ़ी जाती है। शिवलिग के अलावा हनुमानजी के अलावा शेरावाली माता का मंदिर बना है। इस मंदिर में सावन के महीने में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं। नवरात्र में भी आयोजन होते हैं।

हरचंद सैनी, काला महादेव मंदिर कमेटी के प्रधान

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