जैक पर खड़ी थी मौत की इमारत

गांव के श्मशान स्थल से सटकर बनाई गई तीन मंजिला इमारत रविवार शाम करीब सात बजे ताश के पत्तों की तरह ढह गई। इमारत अधिक पुरानी भी नहीं थी छह साल पहले ही उसे बनाया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 08:46 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 08:46 PM (IST)
जैक पर खड़ी थी मौत की इमारत
जैक पर खड़ी थी मौत की इमारत

सत्येंद्र सिंह, ख्वासपुर (गुरुग्राम)

गांव के श्मशान स्थल से सटकर बनाई गई तीन मंजिला इमारत रविवार शाम करीब सात बजे ताश के पत्तों की तरह ढह गई। इमारत अधिक पुरानी भी नहीं थी, छह साल पहले ही उसे बनाया गया था। भराई की जमीन पर मकान मालिक ने इमारत तो बुलंद कर दी पर निर्माण सामग्री ठीक से नहीं लगवाई, जिसके चलते उसमें रहने वाले तीन लोगों की मौत हो गई और चौथा व्यक्ति अस्पताल के आइसीयू में मौत से जंग लड़ रहा है।

इसमें रहने वाले लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले पिलर जर्जर हुए तो उन्होंने मकान छोड़ने का मन बना मकान मालिक से बताया तो जवाब मिला कि अभी रहो जैक लगा दूसरे पिलर खड़े कर देंगे। दरअसल मकान मालिक को किराया आना बंद हो जाता। जैक भी लगवा दिए गए। जैक लगाने से ही इमारत और कमजोर हुई और ढह गई। बीस घंटे तक चला बचाव कार्य

शाम सात बजे इमारत गिरी थी। आधे घंटे बाद पुलिस व दमकल विभाग की टीम पहुंची। रात करीब आठ बजे एनडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीम पहुंची और राहत व बचाव कार्य में जुट गई। रात में ही तीन लोगों को निकाल लिया गया था, जिसमें एक की जान बची है। एक शव सोमवार को निकला। मलबा हटाने का कार्य बीस घंटे तक चला। सुबह बारिश तेज होने के बाद भी मलबा हटाने का काम चलता रहा। वेयरहाउस में कार्यरत कर्मचारी रहते थे

गुरुग्राम निवासी रविद्र कटारिया का इमारत के बगल में ही वेयरहाउस है। उसमें काम करने वाले करीब 22 कर्मचारी इमारत में रहते थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई कर्मचारी घर चले गए थे। इमारत में करीब आठ लोग ही रह रहे थे। अगर अधिक लोग होते तो मरने वालों की संख्या भी अधिक होती। पीछे की दीवार गिरी तो भाग कर बचाई जान

भिवानी के आसलवास निवासी विजय कुमार व अजय ने मौत को बहुत करीब से देखा। आनलाइन सामान भेजने वाली एक कंपनी की ओर से वेयरहाउस में नियुक्त विजय ने बताया कि वह अपने साथी अजय के साथ भूतल पर बने कमरे में थे। तभी पीछे धड़ाम की आवाज हुई तो दोनों बाहर की ओर भागे उन्हें आशंका हो गई थी कि इमारत गिर रही है। जैसे ही वह दोनों बाहर निकले पांच मिनट में पूरी इमारत गिर गई। विजय ने बताया उन्होंने मकान मालिक व वेयरहाउस के मैनेजर कृष्ण कौशिक से पहले ही इमारत की जर्जर हालत को लेकर कहा तो उन्होंने कहा रहो मरम्मत हो जाएगी। मरम्मत के नाम पर केवल जैक लगा दिए गए थे।

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