प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर हुई उजागर
कोई बड़ा हादसा होने पर जांच कमेटी गठित कर दी जाती है। जांच तेज कर दी जाती है। पर कुछ दिन बाद ही ना जांच पूरी होती है। और ना ही जांच कमेटी किसी तरह की रिपोर्ट पेश करती है।
महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)
कोई बड़ा हादसा होने पर जांच कमेटी गठित कर दी जाती है। जांच तेज कर दी जाती है। पर कुछ दिन बाद ही ना जांच पूरी होती है। और ना ही जांच कमेटी किसी तरह की रिपोर्ट पेश करती है। पटौदी रोड पर ख्वासपुर गांव में रविवार शाम को तीन मंजिला इमारत गिरने के बाद प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर से उजागर हुई है। दो साल पहले उल्लावास गांव में चार मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से उसमें सात लोगों की दबकर मौत हो गई थी। इस घटना के बाद उपायुक्त ने सभी गांव में इस तरह की जर्जर इमारतों की जांच करने की जिम्मेदारी संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को सौंपी थी। उल्लावास गांव में गिरी इमारत की जांच करने के भी आदेश दिए गए थे।
घटना होने के बाद मामला जब तक गरम रहता है। जांच की फाइल सरकती रहती है। मामला ठंडा होने के बाद फाइल भी ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। उल्लावास गांव में चार मंजिला इमारत गिरने की जांच की ठंडे बस्ते में चली गई। 23 जनवरी 2019 को सुबह करीब पांच बजे उल्लावास गांव में चार मंजिला निर्माणाधीन इमारत भरभरा कर गिर गई थी। राज्य आपदा एवं अनुक्रिया बल (एसडीआरएफ) के साथ राष्ट्रीय आपदा एवं अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने भी इसमें बचाव एवं राहत कार्य चलाया था। प्रदेश में इस बल का गठन करने के बाद यह पहला आपरेशन था। 24 घंटे चले आपरेशन में इमारत में दबे सात लोगों के शव निकाले गए थे। पुलिस ने मकान मालिक उल्लावास गांव के दयाराम व ठेकेदार के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। उपायुक्त ने सभी खंड एवं विकास अधिकारियों से गांव में इस तरह की जर्जर इमारतों की पूरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। बाद में किसी भी तरह की रिपोर्ट ना तो तैयार की गई और ना ही उपायुक्त कार्यालय को भेजी गई। ख्वासपुर गांव में तीन मंजिला इमारत गिरने की सूचना मिलते ही आइआरबी की प्रथम बटालियन के पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में 38 जवानों की टीम को रवाना किया गया। बचाव एवं राहत के सभी सामानों से लैस होकर टीम बचाव कार्य कर रही है। घटना कैसे हुई। कितने लोग दबे हैं। अभी इस बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
-हनीफ कुरैशी, पुलिस महानिरीक्षक, इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी भोंडसी)