मुख्य सचिव के आदेश पर एक साल बाद पुलिस ने दर्ज किया हत्या का मामला
सेवा सुरक्षा और सहयोग का नारा बुलंद करने वाली पुलिस ने मुख्य सचिव के हस्तक्षेप पर एक साल बाद हत्या का मामला दर्ज किया है। मृतक के पिता पुलिस के पास धक्के खाते रहे लेकिन उनकी पीड़ा किसी ने नहीं सुनी।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर (गुरुग्राम): सेवा, सुरक्षा और सहयोग का नारा बुलंद करने वाली पुलिस ने मुख्य सचिव के हस्तक्षेप पर एक साल बाद हत्या का मामला दर्ज किया है। मृतक के पिता पुलिस के पास धक्के खाते रहे, लेकिन उनकी पीड़ा किसी ने नहीं सुनी। पीड़ित ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई। उसके बाद पुलिस हरकत में आई। बादशाहपुर पुलिस ने अब दो लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। शव को लेकर पहुंचे तीन व्यक्तियों पर भी हत्या मैं शामिल होने का अंदेशा जताया गया है।
राजस्थान के अलवर जिला के गांव मैथना के जगन्नाथ के पुत्र बबली 10 साल से बादशाहपुर थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर में रहकर आटो चलाते थे। वह अपने दो साथियों काला सक्का व पांचाराम के साथ नूरपुर में किराए पर रहते थे। काला सक्का भरतपुर जिला के शीषन गांव का रहने वाला है, जबकि पांचाराम अलवर जिला के साहडोली गांव का रहने वाला है। जगन्नाथ ने आरोप लगाया कि मजलिस नामक युवक ने उनके गांव के प्रकाश वर्मा को 28 जुलाई 2020 को फोन पर सूचना दी कि बबली को सांप ने काट लिया है। उसके बाद मजलिस, शहजाद व शम्मी उनके बेटे बबली को लेकर गांव पहुंचे। वहां डाक्टरों को दिखाया तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जगन्नाथ 13 अगस्त 2020 को बबली के ससुर भूर्जी को लेकर बादशाहपुर थाना में शिकायत देने गए। वहां उनकी शिकायत नहीं ली गई। उसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव को शिकायत भेजकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई। प्रधानमंत्री कार्यालय को भी बादशाहपुर थाना में मामला दर्ज नहीं करने की शिकायत भेजी। मुख्य सचिव के आदेश पर बादशाहपुर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या व हत्या का षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया है। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस रविवार को नूरपुर गांव में मौके पर पहुंची। मामले की छानबीन शुरू कर दी है।