गोपाल शर्मा की गिरफ्तारी पर लोगों ने जताई नाराजगी
चार जुलाई को पटौदी के रामलीला मैदान में महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के आरोपित गोपाल शर्मा की गिरफ्तारी पर कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई है।
संवाद सहयोगी, पटौदी: चार जुलाई को पटौदी के रामलीला मैदान में महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के आरोपित गोपाल शर्मा की गिरफ्तारी पर कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई है। इन लोगों का कहना है कि एक वर्ग विशेष के लोग इंटरनेट मीडिया आपत्तिजनक पोस्ट डालते हैं तो उनके खिलाफ पुलिस व प्रशासन कुछ नहीं करता है। लोगों की मांग है कि गोपाल शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद किया जाए।
भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष व लव-जिहाद व मतांतरण के विरोध में लोगों को जागरूक करने के लिए हुई महापंचायत की अध्यक्षता करने वाले मास्टर ओम सिंह ने कहा कि पंचायत किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं थी, बल्कि धर्म की आड़ में गलत काम करने वालों के खिलाफ थी। गुस्से में अगर गोपाल ने कुछ गलत भी कह दिया तो मामला दर्ज नहीं करना चाहिए। अगर मुकदमा नहीं रद कर गोपाल को रिहा नहीं किया गया तो जन आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए जल्द महापंचायत होगी।
विश्व हिदू परिषद तथा सरपंच एकता मंच के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि सरकार उन लोगों के विरुद्ध तो कदम नहीं उठाती जो लव जिहाद, मतांतरण व गोतस्करी अथवा पहचान छुपा कर संदिग्ध गतिविधियों में मशगूल रहते हैं। जब इन अपराधों के विरुद्ध आवाज उठा उठाई जा रही तो पुलिस प्रताड़ित कर रही है। हेलीमंडी के पार्षद राजेन्द्र गुप्ता ने कहा ऐसा पटौदी में भी हुआ है वर्ष 2018 में दी गई शिकायत पर पुलिस ने आज तक कार्रवाई नहीं की है। कुछ लोगों की गैरकानूनी गतिविधियों के विरोध में आयोजित महापंचायत में एक वक्ता ने प्रतिक्रिया स्वरूप गुस्से में कुछ कह दिया तो जेल में डाल दिया गया। जनौला निवासी संजीव यादव इससे तो यही लगता है कि पुलिस चाहती है कि कानून तोड़ने वाले अपराधी बेखौफ होकर काम करने उनके खिलाफ कोई बोल नहीं सके।