जीना इसी का नाम है: कोरोना संक्रमित लोगों को ज्यादा विचलित होने की जरूरत नहीं

कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर ठीक हुए लोगों ने संक्रमित लोगों को ज्यादा विचलित न होने की सलाह दी है। इस दौर में संयम रखना बेहद जरूरी है। सकारात्मक सोच के साथ अपने पारिवारिक डाक्टर से उचित परामर्श लेकर दवा लेकर घर पर ही आराम करने की भी सलाह दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:03 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:03 PM (IST)
जीना इसी का नाम है: 
कोरोना संक्रमित लोगों को ज्यादा विचलित होने की जरूरत नहीं
जीना इसी का नाम है: कोरोना संक्रमित लोगों को ज्यादा विचलित होने की जरूरत नहीं

संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर ठीक हुए लोगों ने संक्रमित लोगों को ज्यादा विचलित न होने की सलाह दी है। इस दौर में संयम रखना बेहद जरूरी है। सकारात्मक सोच के साथ अपने पारिवारिक डाक्टर से उचित परामर्श लेकर दवा लेकर घर पर ही आराम करने की भी सलाह दी है।

भाजपा के जिला महामंत्री मनीष गाडौली हाल ही में कोरोना संक्रमित हो गए थे। दो दिन हल्का बुखार रहने के बाद उन्होंने अपनी कोरोना जांच कराई तो वे पाजिटिव पाए गए। मनीष गाडौली का कहना है कि सर्दी लगने से उनको तेज बुखार आया। बदन टूटने लगा। डाक्टर से सलाह ली। पहले तो डाक्टर ने बुखार की दवा दे दी। जब तीन दिन बाद बुखार ठीक नहीं हुआ तो जांच कराई। संक्रमित होने के बाद वे बिल्कुल परेशान नहीं हुए।

मनीष का कहना है कि संक्रमित होने के बाद आत्मविश्वास बिल्कुल ना खोएं। खानपान का विशेष ध्यान रखें। उनका कहना है कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत है। मन में हमेशा सकारात्मक विचार रखने चाहिए। वैश्विक महामारी के कारण सभी लोग परेशान हैं। जिन लोगों की इम्यूनिटी बेहतर है। उनको ज्यादा दिक्कत नहीं है। जो भयानक बीमारी से ग्रसित हैं। उनको दिक्कत हो सकती है।

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बादशाहपुर के मास्टर धर्म सिंह भी कोरोना संक्रमित हो गए थे। उन्होंने घर पर ही रह कर अपने पारिवारिक डाक्टर से परामर्श कर दवा ली। खाने में गरम वस्तुओं का इस्तेमाल करने से भी इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। उनका कहना है कि संक्रमित होने के बाद मन में गलत बातों का ध्यान बिल्कुल ना लाएं। मनुष्य को वैसे तो हमेशा ही सकारात्मक होना चाहिए। इस दौर में सकारात्मक विचार संजीवनी का काम करते हैं। किसी भी अफवाह पर ज्यादा ध्यान नहीं दें। अच्छी बातों को ध्यान में रखें। घर में रहकर साहित्यिक पुस्तकें पढे़े और धार्मिक विचारों को मन में रखें। डाक्टरी सलाह समय-समय पर लेते रहें। कोरोना भी खांसी, बुखार, जुकाम की तरह एक वायरस है। मन में नकारात्मक विचार आने से ज्यादा दिक्कत होती है।

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