आक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वालों को निगम भेजेगा नोटिस

नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने सोमवार को नगर निगम की नगर नियोजन योजना व राजस्व शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने नगर निगम की जमीनों मोबाइल टावर स्वीकृति बिल्डिग प्लान स्वीकृति प्रक्रिया कालोनी नियमितीकरण सहित एन्फोर्समेंट आदि की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:34 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:34 PM (IST)
आक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वालों को निगम भेजेगा नोटिस
आक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं लेने वालों को निगम भेजेगा नोटिस

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने सोमवार को नगर निगम की नगर नियोजन योजना व राजस्व शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने नगर निगम की जमीनों, मोबाइल टावर स्वीकृति, बिल्डिग प्लान स्वीकृति प्रक्रिया, कालोनी नियमितीकरण सहित एन्फोर्समेंट आदि की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में वरिष्ठ नगर योजनाकार संजीव मान ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में बिल्डिग प्लान स्वीकृति के लिए सरकार द्वारा आनलाइन प्रक्रिया की हुई है और आर्किटेक्ट को इसमें आवेदन करने की जिम्मेदारी दी गई है। पंजीकृत आर्किटेक्ट बिल्डिग प्लान की स्वीकृति के लिए आनलाइन आवेदन करता है और उसे 24 घंटे में अस्थायी स्वीकृति मिल जाती है। स्वीकृत बिल्डिग प्लान के अनुसार निर्माण करवाना आर्किटेक्ट की ही जिम्मेदारी होती है और आक्यूपेशन सर्टिफिकेट (कब्जा प्रमाण पत्र) भी सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया है।

संजीव मान ने बताया कि अप्रैल 2019 से अब तक लगभग 400 बिल्डिग प्लान आनलाइन माध्यम से स्वीकृत कराए गए हैं, लेकिन आक्यूपेशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं होते हैं। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि सभी स्वीकृत बिल्डिग प्लान को टीमों के माध्यम से चेक करवाएं और आक्यूपेशन सर्टिफिकेट लेने के बारे में नोटिस भेजे जाएं। निगमायुक्त मोबाइल टावर अनुमति की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तृत जानकारी देने को कहा।

खाली भूमि का उपयोग करें

बैठक में जिला राजस्व अधिकारी हरिओम अत्री ने नगर निगम जमीनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6577 एकड़ भूमि नगर निगम की मिलकियत है। इसमें गैरमौरूसी, दोहलीदार, भोंडीदार, गैर मुमकिन रास्ते, नगर निगम एवं अन्य विभागों के भवन, जोहड़, पहाड़, नाले, आवंटित व निर्धारित भूमि, आवंटन-निर्धारण के लिए प्रस्तावित भूमि और उपलब्ध खाली भूमि शामिल है। निगमायुक्त ने योजना शाखा के अधिकारियों से कहा कि निगम की खाली भूमि पर योजना तैयार करें। इसमें निगम की आय बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राउंड पर जाकर जमीनों का स्केच तैयार करें, कब्जा आदि के बारे में पता किया जाए। आक्सी वन विकसित करने पर हुई चर्चा

बैठक में उपस्थित बागवानी शाखा के अधिकारियों से निगमायुक्त ने कहा कि वे पहाड़ी क्षेत्र में खाली पड़ी भूमि पर 'आक्सी-वन' (ज्यादा आक्सीजन देने वाले पेड़) विकसित करने की दिशा में कार्य करें। इसके साथ ही इस मानसून में पौधारोपण की विस्तृत योजना तैयार की जाए और अच्छे पौधे लगाए जाएं। पौधारोपण के लिए नागरिकों को शामिल करके पार्कों, सड़क किनारे की मैपिग करवाएं और नागरिकों को इन पौधों की जिम्मेदारी दें।

बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त रोहताश बिश्नोई, जिला राजस्व अधिकारी एवं संयुक्त आयुक्त हरिओम अत्री, वरिष्ठ नगर योजनाकार संजीव मान, डीटीपी मनीष यादव, एटीपी सिद्धार्थ खंडेलवाल, डीएफओ सुभाष यादव, कार्यकारी अभियंता (बागवानी) देवेन्द्र भड़ाना एवं अमरजीत बिसला सहित योजना शाखा के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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