अस्पताल में असुविधा की खबर छपने पर कोविड वार्ड में ड्यूटी लगाने की धमकी

पटौदी के उपमंडल अस्पताल से संबंधित समस्या की एक खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने पर पटौदी की एसएमओ डा. नीरू यादव अब एक तरह से पत्रकारों को ही धमकी देने पर उतर आई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:19 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:19 PM (IST)
अस्पताल में असुविधा की खबर छपने पर कोविड वार्ड में ड्यूटी लगाने की धमकी
अस्पताल में असुविधा की खबर छपने पर कोविड वार्ड में ड्यूटी लगाने की धमकी

संवाद सहयोगी, पटौदी: पटौदी के उपमंडल अस्पताल से संबंधित समस्या की एक खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने पर पटौदी की एसएमओ डा. नीरू यादव अब एक तरह से पत्रकारों को ही धमकी देने पर उतर आई हैं। पटौदी के पत्रकारों के एक ग्रुप में उन्होंने लिखा है कि सरकारी वैक्सीन लगवाने वाले पत्रकारों व चिकित्सकों को उपमंडल नागरिक अस्पताल के कोविड वार्ड में ड्यूटी देनी होगी। मना करने के गंभीर परिणाम होंगे।

बता दें कि सरकार ने पटौदी के उपमंडलीय अस्पताल में 25 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था। एसएमओ द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस मुख्य द्वार के बाहर ही चिपका दिया गया था कि केवल 90 से 95 ऑक्सीजन लेवल वाले रोगियों को ही दाखिला दिया जाएगा। इससे कम आक्सीजन होने पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता था। स्वास्थ्य विभाग ने यहां कोई आइसीयू भी नहीं बनाया है व यहां किसी एमडी चिकित्सक की भी नियुक्ति नहीं की है।

दैनिक जागरण ने जनता से जुड़ी इन समस्याओ की एक खबर 11 मई के अंक में प्रकाशित की। खबर प्रकाशित होते ही पटौदी की एसएमओ डा. नीरू यादव ने अस्पताल के डा. सुशांत शर्मा द्वारा ब्राडकास्ट पटौदी सिविल नाम से बनाए गए वाट्स एप ग्रुप में एक अन्य मीडियाकर्मी को संबोधित करते हुए लिख डाला कि वे सभी समाचार पत्रों में उनकी ओर से लिखें कि जिन्होंने भी सरकार की कोरोना की वैक्सीन लगवाई है उन्हें उपमंडल नागरिक अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करनी होगी, विशेषकर फ्रंट लाइन वर्कर जो मीडिया से हैं व स्वास्थ्य कर्मी हैं। यह संदेश डालने के बाद उन्होंने ग्रुप को छोड़ दिया।

मामला संज्ञान में आने पर पटौदी क्षेत्र के विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने कहा कि अगर ग्रुप में इस तरह का संदेश डाला गया तो यह गलत है। डाक्टर को अपना पक्ष बताना चाहिए। इस तरह का कथित संदेश देने का अधिकार उन्हें नहीं है। मीडिया कर्मी खुद फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं। वह इस मामले की उच्च अधिकारियों से जांच कराने के लिए कहेंगे।

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