संक्रमित होने पर संयम बरता और जंग जीत गए

कोरोना का खौफ इस तरह से लोगों में समा गया है कि जरा सा बुखार आते ही डर जाते हैं। लोग संयम खो देते और अस्पताल के चक्कर लगाने से उनकी तबियत और बिगड़ जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 04:24 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:42 PM (IST)
संक्रमित होने पर संयम बरता और जंग जीत गए
संक्रमित होने पर संयम बरता और जंग जीत गए

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : कोरोना का खौफ इस तरह से लोगों में समा गया है कि जरा सा बुखार आते ही डर जाते हैं। लोग संयम खो देते और अस्पताल के चक्कर लगाने से उनकी तबियत और बिगड़ जाती है। ऐसे लोग भी जो कोरोना की चपेट में आए पर आत्मबल के वजह से वायरस से जंग लड़कर जीत गए। सुनिए ऐसे लोगों की जुबानी। कोरोना संक्रमण को लेकर जिस तरह का पैनिक का माहौल बनाया जा रहा है। उस तरह का माहौल बनाए जाने की जरूरत नहीं है। संक्रमित होने पर हिम्मत रखें। मेरा अनुभव तो यह है कि इस दौरान जरा सी भी तबीयत खराब होने पर तुरंत कोरोना की भी जांच कराएं और अपने पारिवारिक डाक्टर से बेहतर सलाह लेकर इलाज शुरू कर दें। संक्रमित होने पर मैंने ऐसा ही हमने किया। हम बुखार या खांसी होने की स्थिति में चार-पांच दिन तो ऐसे ही निकाल देते हैं कि ठीक हो जाएगा। संक्रमित होने से बीमार होने की स्थिति में इस चार-पांच दिन में कोरोना के कीटाणु शरीर पर पूरी तरह हावी हो जाते हैं। उसके बाद स्थिति संभालना मुश्किल हो जाती है। संक्रमित होने पर किसी तरह की झिझक ना करें। अपने अलग कमरे में रहने की व्यवस्था कर लें। कई लोग इस बात में अपनी बेइज्जती सी महसूस करते हैं कि लोगों को उसके संक्रमित होने के बारे में पता चलेगा तो लोग क्या कहेंगे। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर तुरंत उन लोगों को तो इसके बारे में जानकारी दे देनी चाहिए जो उसके संपर्क में रहे हो।

-राजेंद्र गहलोत, चेयरमैन, डीपीजी ग्रुप आफ कालेज संक्रमित होने पर पूरा ध्यान बीमारी पर केंद्रित ना करें

फील्ड में काम करते हुए कोई ना कोई व्यक्ति किसी न किसी के संपर्क में आकर संक्रमित हो जाता है। संक्रमित होने के बाद आत्मविश्वास सबसे बड़ा हथियार है। जिस तरह से इस बीमारी को लेकर डर का माहौल बनाया जा रहा है। उस माहौल को भी खत्म करने की जरूरत है। मैं जब कोरोना संक्रमित हुआ तो घर पर ही रह कर धार्मिक पुस्तकों के पढ़ने पर ध्यान दिया। साथ ही मैं अपने बिजली निगम के कर्मचारियों को लगातार मोबाइल के माध्यम से संपर्क में रहकर उनको काम की जिम्मेदारी भी देता रहा। डाक्टर की सलाह के अनुरूप दवा ली। इंटरनेट मीडिया पर जो तरह तरह की खबरें कोरोना को लेकर आ रही है। उनसे भी दूर रहना चाहिए। मन में नकारात्मकता बिल्कुल नहीं लानी चाहिए। पूरी तरह सकारात्मक रहने से व्यक्ति इस बीमारी पर जल्द काबू पा लेता है। कोरोनावायरस भी दूसरे वायरस की तरह ही है। ठीक-ठाक ढंग से दवा लेकर इलाज कराया जाए तो जल्दी ठीक हो जाता है।

केसी अग्रवाल, मुख्य अभियंता, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (दिल्ली जोन)

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