बैलेंस सीट: यशलोक सिंह

साइबर सिटी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जिस तेजी से इजाफा हो रहा है उसे देखते हुए औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसका खौफ गहराता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 05:02 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 07:02 PM (IST)
बैलेंस सीट: यशलोक सिंह
बैलेंस सीट: यशलोक सिंह

हर कर्मचारी को दिए थर्मामीटर

साइबर सिटी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जिस तेजी से इजाफा हो रहा है उसे देखते हुए औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसका खौफ गहराता जा रहा है। उद्यमी अपने यहां कोरोना वायरस को किसी भी कीमत पर फटकने नहीं देना चाहते हैं। उनके द्वारा ऐसा हर प्रयास किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को सुरक्षित रखा जा सके। सेक्टर-37 इंडस्ट्रियल एरिया स्थित डीएम ऑटोमोटिव कंपनी के डायरेक्टर दीपक मैनी ने अपने हर कर्मचारी को थर्मामीटर दे दिया है। उनसे कहा गया है कि जब वह घर पर हों तो टेंपरेचर की जांच करते रहें। रोजाना ड्यूटी पर आने से पहले ऐसा जरूर करें। वहीं फैक्टरी में आने वाले हर कर्मचारी का टेंपरेचर थर्मल स्कैनर से रोजाना जांचा जाता है। ऐसा कम से कम दो बार किया जाता है। वहीं पूरी तरह से सैनिटाइज होने के बाद ही किसी को फैक्टरी के अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है।

सख्ती है या नहीं, साफ हो

काफी रस्साकशी के बाद हरियाणा सरकार ने दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती में जहां ढील दे दी है, वहीं दिल्ली सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। ऐसी हालत में रोजाना दिल्ली से गुरुग्राम आने और गुरुग्राम से दिल्ली जाने वालों को भारी दिक्कत हो रही है। यही कारण है कि लोग बॉर्डर पर स्थिति को स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली से गुरुग्राम आने वालों पर पुलिस अब खास रोक-टोक नहीं लगा रही है, लेकिन गुरुग्राम से दिल्ली जाने वालों को दिल्ली पुलिस द्वारा रोका जा रहा है। कई बार ऐसा भी होता है कि पुलिस बेरोक-टोक आने-जाने देती है। गुरुग्राम की एक फैक्टरी में अधिकारी अभिनंदन कुकरेती का कहना है जब वह गुरुग्राम से दिल्ली की ओर जाते हैं तो मन में आशंका रहती है कि कहीं पुलिस रोक न दे। ऐसे में सरकारी स्तर पर यह पूरा स्पष्ट होना चाहिए कि बॉर्डर बंद है या खुला। इंडस्ट्री का बढ़ा खर्च

यह बात किसी से नहीं छिपी है कि कोरोना महामारी ने उद्योग जगत को काफी बहुत ज्यादा पीछे धकेल दिया है। हालांकि औद्योगिक इकाइयों में अब थोड़ा बहुत काम शुरू हो गया है, मगर इस काम से जो भी मिल रहा है उससे अधिक इस समय खर्च हो रहा है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के मद्देनजर फैक्टरी में सुरक्षा व्यवस्था करना हर उद्यमी के लिए जी का जंजाल बन गया है। कर्मचारियों को रोजाना मॉस्क व सैनिटाइजर उपलब्ध कराना और रोजाना कम से कम दो बार पूरे फैक्टरी परिसर को सैनिटाइज करना काफी खर्चीला साबित हो रहा है। ऐसे में हर औद्योगिक इकाई का खर्च काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है। हर तीसरे-चौथे दिन सैनिटाइजर की खेप इन्हें मंगानी पड़ती है। जिसकी जितनी बड़ी फैक्टरी, जितने कर्मचारी उसका उतना ही अधिक कोरोना से संबंधित सुरक्षा पर खर्च। यह सिलसिला आखिर कब तक जारी रहेगा इसके बारे में अनुमान लगाना अभी काफी मुश्किल है।

स्पीड पोस्ट सेवा बदहाल

मानेसर गांव के सरकारी स्कूल परिसर में स्थित पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट सेवा पिछले कुछ दिनों से बंद है। इससे आइएमटी मानेसर क्षेत्र के उद्यमियों की परेशानी बढ़ गई है। इनका कहना है कि उन्हें आए दिन अपने क्लाइंट के पास सैंपल के साथ-साथ अन्य जरूरी कागजात भी भेजने पड़ने हैं। जब से कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ है, तब से कोरियर सेवा ठप पड़ गई है। ऐसे में पोस्ट ऑफिस पर निर्भरता बढ़ गई है। ऐसी विषम परिस्थिति में सरकारी सेवा का का बंद पड़ जाना अच्छी बात नहीं है। उद्यमी मनोज जैन बताते हैं कि जब उन्होंने पोस्ट ऑफिस में पता किया तो बताया गया कि स्पीड पोस्ट सेवा शुरू होने में अभी कुछ दिन का और समय लगेगा। मनोज जैन की यह भी मांग है कि इस पोस्ट ऑफिस को आइएमटी स्थित एचएसआइआइडीसी कार्यालय परिसर में स्थापित किया जाए, जिससे उद्यमियों को राहत मिल सके।

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