ऐसी बदहाल सफाई व्यवस्था पर कैसी मिलेगी स्वच्छता रैंकिंग

शहर के कई इलाकों में सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। सड़क किनारे कचरा डंपिग प्वाइंट और कालोनियों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। गंदगी के कारण एक तरफ जहां शहर की सुंदरता बिगड़ रही है वहीं लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:35 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:35 PM (IST)
ऐसी बदहाल सफाई व्यवस्था पर कैसी मिलेगी स्वच्छता रैंकिंग
ऐसी बदहाल सफाई व्यवस्था पर कैसी मिलेगी स्वच्छता रैंकिंग

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर के कई इलाकों में सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। सड़क किनारे, कचरा डंपिग प्वाइंट और कालोनियों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। गंदगी के कारण एक तरफ जहां शहर की सुंदरता बिगड़ रही है, वहीं लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई से संबंधित काफी शिकायतें भेजी जाती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। नगर निगम के अधिकारी बेहतर स्वच्छता रैंकिग का दावा करते हैं, लेकिन करोड़ों रुपये सफाई के नाम पर खर्च करने के बावजूद शहर गंदगी से मुक्त नहीं हो पा रहा है।

नई एजेंसियों का भी वही पुराना हाल

नगर निगम की ओर से हाल ही में सात सफाई एजेंसियों को सफाई का ठेका दिया गया है। लेकिन शहर में नई एजेंसियों के आने के बाद भी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। इन एजेंसियों को दो साल के लिए काम सौंपा गया है। अगर यही हालत रही तो स्वच्छता रैंकिग सुधरने के बजाय और बिगड़ सकती है। कहां खर्च हो रहे हैं 200 करोड़

निगम रिकार्ड के शहर में नगर निगम की ओर से हर साल 200 करोड़ रुपये सफाई के लिए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन इस खर्च का भी आडिट करवाना जरूरी है। इको ग्रीन के अलावा इन सफाई एजेंसियों को भी करोड़ों रुपये का भुगतान बिना किसी जांच के किया जा रहा है, जबकि कार्यप्रणाली ठीक नहीं है।

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