नियमों की अवहलेना करने वालों के काटे जाएंगे चालान
गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने अधिकारियों से कहा कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम सहित विभिन्न नियमों के तहत की जाने वाली अवहेलनाओं पर किए जाने वाले चालान की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने अधिकारियों से कहा कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम सहित विभिन्न नियमों के तहत की जाने वाली अवहेलनाओं पर किए जाने वाले चालान की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। इसकी जिम्मेदारी एन्फोर्समेंट टीमों को दी जाएगी। निगमायुक्त ने बुधवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में बताया गया कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा विभिन्न अवहेलना करने वालों के चालान किए जाते हैं। इनमें मुख्य रूप से प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग, सार्वजनिक स्थान पर कचरा फैलाने, खुले में शौच एवं पेशाब करने, अवैध रूप से मलबा डालने एवं सीवरेज वेस्ट डालने, कचरा जलाने, अवैध विज्ञापन लगाने, अवैध मीट की दुकानों सहित पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना आदि शामिल हैं।
इन कार्यों की हुई समीक्षा
बैठक में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में यह योजना शुरू की गई थी। योजना के तहत स्वरोजगार हेतु जरूरतमंद व्यक्तियों एवं स्वयं सहायता समूहों को ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इसमें व्यक्तिगत तौर पर दो लाख रुपये और स्वयं सहायता समूह के तौर पर 10 लाख रुपये की ऋण राशि का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को नए आवास निर्माण के लिए 2.50 लाख रुपये और निर्माण एन्हांसमेंट के तहत 1.50 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। गुरुग्राम में योजना के तहत 537 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 392 आवेदन ऐसे पाए गए हैं, जो पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते हैं।
स्ट्रीट वेंडर परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्ष 2014 तथा वर्ष 2018 में की गई सर्वे के तहत गुरुग्राम में 18670 स्ट्रीट वेंडर चिन्हित किए गए थे। योजना के तहत 148 स्ट्रीट वेंडिग जोन बनाए गए, जिनमें से 29 वेंडिग जोन विभिन्न कार्यों के चलते नहीं बन पाए हैं। इस मामले में चार एजेंसियों को कार्य अलाट किया गया था, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। एजेंसियों को प्रति माह प्रति वेंडर के हिसाब से नगर निगम में 500 रुपये जमा करवाने थे, जो कि नहीं करवाए गए। इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया था।
बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त रोहताश बिश्नोई, उप निगमायुक्त डा. विजयपाल यादव, मुख्य लेखा अधिकारी विजय सिगला, सिटी प्रोजेक्ट आफिसर समीर श्रीवास्तव और सहायक अभियंता कुलदीप सिंह उपस्थित थे।