विश्वास ही नहीं होता कि जनरल रावत जैसे जांबाज अधिकारी हमारे बीच नहीं रहे
जनरल बिपिन रावत के साथ सेना में विभिन्न पदों पर काम कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जेबीएस यादव का कहना है कि जनरल बिपिन रावत जैसे जांबाज अधिकारी हमारे बीच नहीं रहे यह विश्वास ही नहीं होता। उन्होंने हमेशा देश के और सेना के जवानों की भलाई के लिए काम किया।
महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम): तमिलनाडु में हेलीकाप्टर दुर्घटना में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी और सेना के 11 अधिकारियों के निधन से हर वर्ग आहत है। जनरल बिपिन रावत के साथ सेना में विभिन्न पदों पर काम कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जेबीएस यादव का कहना है कि जनरल बिपिन रावत जैसे जांबाज अधिकारी हमारे बीच नहीं रहे, यह विश्वास ही नहीं होता। उन्होंने हमेशा देश के और सेना के जवानों की भलाई के लिए काम किया।
जनरल बिपिन रावत के साथ जेबीएस यादव के 1968 से पारिवारिक संबंध हैं। जनरल रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत के साथ उन्होंने बटालियन में बतौर एडजुटेंट काम किया। उसी समय से उनके परिवार के साथ बेहतर तालमेल है। जेबीएस यादव के मुताबिक 1978 में बिपिन रावत सेना में कमीशन लेकर सेकंड लेफ्टिनेंट बने तो उन्होंने अमृतसर में हमारी बटालियन 5/11 गोरखा राइफल्स में ज्वाइन किया था। सर्विस के दौरान बिपिन रावत के साथ अनेक स्थानों पर विभिन्न पदों पर रहते हुए काम किया। वह बहुत ही होनहार और कर्मठ अधिकारी थे। अपनी कार्य क्षमता और कुशलता के दम पर उन्होंने हर पद पर मिसाल कायम की। कांगो में यूएन की शांति सेना के रूप में भी उन्होंने बतौर कमांडर काम किया।
पाकिस्तान और चीन के मामलों को भी बड़ी बारीकी से जानने वाले थे। चीन ने जब डोकलाम में हरकत की तो जनरल की कार्यकुशलता के कारण ही चीनी सेना को डोकलाम में पीछे हटना पड़ा था। उन्होंने तीनों सेनाओं को सक्षम बनाने के लिए बेहतर काम किए सेना के जवानों और अधिकारियों के लिए जो काम किए उनके अगले कुछ वर्षों में बेहतर नतीजे आएंगे। उनका जीवन हमेशा देश और सेना की भलाई के लिए समर्पित रहा। जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत ने भी हमेशा सेना के जवानों के परिवारों की भलाई के लिए काम किया। उन्होंने जवानों के वेलफेयर के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई। वे सिपाही से लेकर वरिष्ठ अधिकारी सभी को एक नजर से देखती थीं। उन्होंने जनरल बिपिन रावत के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर सेना की भलाई का काम किया।