Gurugram News: नाइट क‌र्फ्यू में कॉल सेंटर व बीपीओ ने बदला काम करने का तरीका

कोरोना के चलते लागू नाइट क‌र्फ्यू का असर कारोबार पर अधिक न पड़े इसके लिए अधिकतर काल सेंटर एवं बीपीओ संचालकों ने काम करने का तरीका बदल दिया है। कर्मचारियों को उनके घर पर ही काल रिसीव करने से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं।

By Aditya RajEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:43 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 10:16 AM (IST)
Gurugram News: नाइट क‌र्फ्यू में कॉल सेंटर व बीपीओ ने बदला काम करने का तरीका
अधिकतर कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की बेहतर सुविधा उपलब्ध करा दी है।

गुरुग्राम [आदित्य राज]। कोरोना के चलते लागू नाइट क‌र्फ्यू का असर कारोबार पर अधिक न पड़े, इसके लिए अधिकतर काल सेंटर एवं बीपीओ संचालकों ने काम करने का तरीका बदल दिया है। कर्मचारियों को उनके घर पर ही काल रिसीव करने से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। इससे वे घर बैठे ही आफिस की तरह काम करने लगे हैं। इनके साथ ही साफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में कार्यरत अधिकतर कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की बेहतर सुविधा उपलब्ध करा दी है। साइबर सिटी में काल सेंटर एवं बीपीओ की संख्या लगभग ढाई हजार है। इनमें से दो-तिहाई ने अपने कर्मचारियों को फिर से वर्क फ्राम होम कर दिया है। कुछ ने रात के बजाय दिन में काम करना शुरू कर दिया है। जिनके पास जगह है, उन्होंने अपने कर्मचारियों को रात में कंपनी में ही रुकने की जगह उपलब्ध करा दी है। इससे नाइट क‌र्फ्यू का असर काल सेंटर एवं बीपीओपर अधिक नहीं पड़ रहा है।

बताया जाता है कि गत वर्ष लाकडाउन के दौरान कंपनियों को भारी नुकसान हुआ था। उसी समय से टेक्नोलाजी इनोवेशन पर जोर दिया जा रहा था। अब लगभग सभी कंपनियों के पास यह सुविधा उपलब्ध है कि जिस तरह से कर्मचारी आफिस में बैठकर काम करते हैं, ठीक उसी तरह से वे अपने घर से कर सकें। काम करने के बाद सभी कर्मचारी पूरी रिपोर्ट तैयार करके कार्यालय में भेज देते हैं। कोरोना संकट ने नई-नई तकनीक के ऊपर जोर देने के लिए मजबूर किया। उसका लाभ अब दिखने लगा है। नाइट क‌र्फ्यू लागू होते ही अधिकतर कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम कर दिया गया है। हालांकि जिस तरह से आफिस में काम करने का माहौल होता है वह घर पर नहीं बन सकता।

नई तकनीक से यह होगा कि कारोबार को अधिक नुकसान नहीं होगा। कहने का मतलब यह है कि काम रुकेगा नहीं चलता रहेगा। पिछले एक साल के दौरान नई तकनीक विकसित करने के ऊपर काफी काम किया गया है।  -गौरव अग्रवाल, एमडी, तनिषा सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड

गत वर्ष लाकडाउन की वजह से भारी नुकसान हुआ था। उसकी भरपाई अधिकतर कंपनियां अब तक नहीं कर पाई हैं। लाकडाउन जैसा नुकसान न हो, इसके लिए नई तकनीक विकसित करने के ऊपर जोर दिया गया। इसमें अधिकतर कंपनियां सफल हो गई हैं। इसका परिणाम यह है कि जैसे ही नाइट क‌र्फ्यू की घोषणा की गई वैसे ही कर्मचारियों को उनके घर से ही काम करने की सुविधाएं उपलब्ध करा दी गईं। अब दोबारा लाकडाउन लागू होने पर भी कारोबार के ऊपर अधिक असर नहीं पड़ेगा। - प्रदीप यादव, प्रेसिडेंट, हाइटेक इंडिया (आइटी एवं टेलिकाम सेक्टर की कंपनियों का संगठन)

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