जोगिया सब जानता है :बिजेंद्र बंसल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल (मनो) पिछले दिनों दिल्ली पहुंचे तो एक कार्यक्त्रम में उनकी मुलाकात पुराने दौर के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता धमर्ेंद्र से हो गई। धमर्ेंद्र को गले लगाते हुए मनो ने उनके प्रति अपनी दीवानगी भी जताई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:25 PM (IST)
जोगिया सब जानता है :बिजेंद्र बंसल
जोगिया सब जानता है :बिजेंद्र बंसल

अब मनो देखते हैं वास्तविक फिल्म

मुख्यमंत्री मनोहर लाल (मनो) पिछले दिनों दिल्ली पहुंचे तो एक कार्यक्त्रम में उनकी मुलाकात पुराने दौर के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता धमर्ेंद्र से हो गई। धमर्ेंद्र को गले लगाते हुए मनो ने उनके प्रति अपनी दीवानगी भी जताई। सीएम ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे धमर्ेंद्र की वे बड़ी इज्जत करते हैं। बस फिर क्या था, उपस्थित लोगों ने जिज्ञासावश फिल्मों के प्रति मनो की संजीदगी सहित कई सवाल कर लिए। मनो ने बताया कि पहले तो वे इक्का-दुक्का फिल्म देख लिया करते थे, लेकिन जब से मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला है, तब से फिल्म देखने का मौका नहीं मिला। इतना जरूर है कि अब वे सुबह से शाम तक जो काम करते हैं वह किसी वास्तविक फिल्म से कम नहीं है। मनो चाहते हैं कि शेष जीवन देशसेवा की ही फिल्म के प्रति उनकी दीवानगी बनी रहे। इससे किसी अच्छी फिल्म की कल्पना करके वे सुखद अनुभूति कर लेंगे।

वाया गुरुग्राम चलेगी रेल

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के विरोधियों का यह आरोप रिकार्ड में दर्ज है कि लालू जब केंद्र सरकार में रेल मंत्री बने तो उन्होंने जम्मू जाने वाली रेल का रूट भी वाया पटना कर दिया था। लालू के विरोधियों का यह आरोप सही हो या गलत मगर यह जरूर है कि जमीन से जुड़ा हर नेता पावर में आने के बाद अपने क्षेत्र के लिए लोकलुभावन कल्याणकारी नीतिया अवश्य बनाता है। अब केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव को ही ले लो। उनके मंत्रालय की रेल भी वाया गुरुग्राम (उनके पैतृक जिला) चलने लगी। यादव ने राज्य कर्मचारी बीमा निगम की 186वीं बैठक में तय कर दिया है कि निगम से बीमित कर्मियों के लिए गुरुग्राम में 500 बिस्तर का मल्टी स्पेशियलिटी सुविधाओं का एक अस्पताल बनेगा। वैसे राजनीतिक बात अलग मगर यादव के इस निर्णय से एनसीआर के औद्योगिक कर्मी बहुत खुश हैं।

बकरी के मालिक से अच्छा है शेर का नौकर

काग्रेस हाईकमान पर पार्टी का स्थायी अध्यक्ष बनाने को लेकर दबाव बनाने वाले 23 नेताओं के समूह (जी-23) में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान इन दिनों काफी चर्चित हैं। आजाद और हुड्डा दोनों ही यह समझा रहे हैं कि अपनी पार्टी संगठन में सुधार करने का मतलब यह तो नहीं कि वे पार्टी से नाराज हैं। उनके मतभेद हैं, मनभेद नहीं। अब तो राजनीति में मनभेद से भी आगे लोग दुश्मनी पालने लगे हैं। हुड्डा तो यहा तक भी कहते हैं कि जिस पार्टी ने उन्हें साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री बनाकर रखा, वे इसे छोड़कर क्यों जाएंगे। वैसे भी राजनीति के माहिर खिलाड़ी हुड्डा को यह तो ज्ञान हो ही गया होगा कि राजनीति में राष्ट्रीय दलों को शेर और क्षेत्रीय दलों को बकरी की संज्ञा दी जाती है। अब भला शेर का नौकर बकरी का मालिक क्यों बनेगा।

जीवन में विकार लाता है अशुद्ध धन

कृष्ण भक्ति की चाह में पुलिस महानिरीक्षक पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हुईं हरियाणा कैडर की आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा का संदेश इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पुलिस विभाग के अधिकारियों से लेकर जवानों तक में खूब वायरल हो रहा है। इस संदेश में भारती ने अपनी 23 साल दी पुलिस सेवा सहित जीवन का पूरा मर्म कर्म के साथ जोड़कर समझाया है। भारती का कहना है कि किसी को भी अशुद्ध धन को नहीं लेना चाहिए। अशुद्ध धन आएगा तो अपने साथ विकार और परेशानिया लाएगा। भारती कहती हैं कि गीता का कर्म ज्ञान हरियाणा के कुरुक्षेत्र से ही पूरे संसार को मिला है। कर्म का सिद्धात अटल है। जो जैसा कर्म करेगा, उसे उसका फल वैसा ही मिलता है। भारती अरोड़ा अपने मातहत कर्मियों को यह संदेश सेवानिवृत्ति से पहले भी देती रही हैं। सेवानिवृत्ति के बाद अब वे कृ ष्ण भक्ति के लिए मथुरा-वृंदावन के प्रवास पर रहेंगी।

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