आइटी सेक्टर में विदेशी निवेश के लिए बने बेहतर वातावरण
रोजगार और राजस्व प्रदाता के तौर पर इन्फार्मेशन एंड टेक्नोलाजी (आइटी) सेक्टर का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर की टेक कंपनियों से भारत में निवेश का आह्वान किया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: रोजगार और राजस्व प्रदाता के तौर पर इन्फार्मेशन एंड टेक्नोलाजी (आइटी) सेक्टर का विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर की टेक कंपनियों से भारत में निवेश का आह्वान किया है। उनका कहना है कि यहां निवेश के लिए बेहतर माहौल है। आइटी सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में स्थितियां पहले से बेहतर हुई हैं। यदि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की बात की जाए तो यहां अभी काफी कुछ करने की जरूरत है।
गुरुग्राम स्थित आइटी कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से यहां विदेशी आइटी कंपनियां विस्तार और निवेश को लेकर उत्साह नहीं दिखा रही हैं। इसके पीछे कुछ बुनियादी कारण हैं। यहां वायु प्रदूषण की समस्या निवेश की राह का सबसे बड़ा रोड़ा है। वहीं बिजली और पानी से जुड़ी समस्या भी आइटी क्षेत्र में नए निवेश को हतोत्साहित करने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। आइटी क्षेत्र को प्रशासनिक स्तर पर भी परेशानियों से जूझना पड़ता है।
उद्योग विहार स्थित आइटी कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि आइटी कंपनियों की गिनती इंडस्ट्री में होती है। यही कारण है कि उन्हें इंडस्ट्री के लिए निर्धारित मानक के अनुसार कर चुकाना होता है। पिछले कुछ साल से यह देखने में आ रही है कि नगर निगम द्वारा आइटी कंपनियों को कामर्शियल नोटिस भेज दिया जाता है। इस प्रकार की अड़चन को दूर करना होगा। वहीं यातायात से संबंधित व्यवस्था में भी सुधार की जरूरत है।
हर्वा बीपीओ के सीईओ अजय चतुर्वेदी का कहना है देश की जीडीपी में आइटी क्षेत्र का योगदान आठ प्रतिशत है। इसमें लगभग 45 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वहीं देश में दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम मौजूद है। आइटी क्षेत्र के जानकार सचिन गुप्ता का कहना है कि विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के बजाय घरेलू आइटी सेक्टर को मजबूत करने की जरूरत है। इससे देश आर्थिक रूप से और मजबूत बनेगा। गुरुग्राम में विदेशी आइटी कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित करने से पहले जमीनी स्तर पर बेहतर माहौल बनाने की जरूरत है।