फेस्टिवल सीजन में भी सुस्ती के दौर से गुजर रहा है आटोमोबाइल सेक्टर

इस फेस्टिवल सीजन में आटोमोबाइल सेक्टर बड़ी सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। उद्यमियों का कहना है कि ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि इस सीजन में इस क्षेत्र का कारोबार जमीन पर आ गया हो।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:52 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 08:52 PM (IST)
फेस्टिवल सीजन में भी सुस्ती के दौर से गुजर रहा है आटोमोबाइल सेक्टर
फेस्टिवल सीजन में भी सुस्ती के दौर से गुजर रहा है आटोमोबाइल सेक्टर

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: इस फेस्टिवल सीजन में आटोमोबाइल सेक्टर बड़ी सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। उद्यमियों का कहना है कि ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि इस सीजन में इस क्षेत्र का कारोबार जमीन पर आ गया हो। पिछले साल वैश्विक महामारी के दौर में भी आटोमोबाइल कारोबार उच्च स्तर पर था।

इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण सेमीकंडक्टर का अभाव है। इसकी कमी का परिणाम यह हो रहा है कि मार्केट कार और दोपहिया वाहनों की डिमांड तो भरपूर है, मगर वाहन निर्माता कंपनियां मांग के अनुसार इनका उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। यह स्थिति कब तक रहेगी इसके बारे में अभी कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता है।

गुरुग्राम देश का सबसे बड़ा आटोमोबाइल हब है। सेमीकंडक्टर के अभाव का सबसे अधिक यही पर देखने को मिल रहा है। कारों के मामले में स्थिति सबसे खराब है। दोपहिया वाहनों की बात की जाए तो कारों के मुकाबले इनकी स्थिति थोड़ी बेहतर है। लगभग 70 प्रतिशत तक मार्केट डिमांड को दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां पूरी कर रही हैं।

कार बनाने वाली कंपनियां 40 से 50 प्रतिशत ही डिमांड को पूरी कर पा रही हैं। वाहन निर्माता कंपनियों की सहायक औद्योगिक इकाइयों के पास काम कम होने के कारण इनके सामने अपना खर्च निकालने तक में दिक्कत आ रही है। यदि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति जल्द शुरू नहीं हुई तो इस इकाइयों की आर्थिक सेहत और बिगड़ जाएगी। पहले जहां फेस्टिवल सीजन में आटोमोबाइल सेक्टर आसमान पर होता था। इस बार सेमीकंडक्टर के कारण स्थिति बिल्कुल विपरीत है। वाहन निर्माता कंपनियों की सहायक औद्योगिक इकाइयों के पास 40 से 50 प्रतिशत ही काम बचा हुआ है। स्थिति में सुधार कब आएगा इस बारे में अभी कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता है।

दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, हरियाणा आटोमोबाइल क्षेत्र की कंपनियों के पास इस समय काम काफी कम है। फेस्टिवल सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है। सेमीकंडक्टर की आपूर्ति को लेकर अभी स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। आटो सेक्टर से संबंधित एमएसएमई श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के लिए यह समय बड़ा अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है।

मनोज जैन, डायरेक्टर, सुप्रीम रबर

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