फ्लेक्स फ्यूल को लेकर आटोमोबाइल सेक्टर उत्साहित

फ्लेक्स फ्यूल को लेकर केंद्र सरकार के रुझान से देश के सबसे बड़े आटोमोबाइल हब गुरुग्राम में हलचल शुरू हो गई है। इस सेक्टर से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप फ्लेक्स फ्यूल असाधारण साबित हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:58 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:58 PM (IST)
फ्लेक्स फ्यूल को लेकर आटोमोबाइल सेक्टर उत्साहित
फ्लेक्स फ्यूल को लेकर आटोमोबाइल सेक्टर उत्साहित

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

फ्लेक्स फ्यूल को लेकर केंद्र सरकार के रुझान से देश के सबसे बड़े आटोमोबाइल हब, गुरुग्राम में हलचल शुरू हो गई है। इस सेक्टर से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप फ्लेक्स फ्यूल असाधारण साबित हो सकता है। जरूरी है कि सरकार इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस निर्णय ले, जिससे वाहन निर्माता कंपनियों के प्लांट में इससे संबंधित इंजन तैयार करने को पर्याप्त समय मिल सके। आटोमोबाइल इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि इससे इस क्षेत्र में भारी तेजी आएगी और अधिक से अधिक लोग वाहनों की खरीद के लिए प्रेरित होंगे, क्योंकि उन्हें पेट्रोल-डीजल के मुकाबले काफी सस्ते ईंधन का विकल्प प्राप्त हो जाएगा। फ्लेक्स फ्यूल यानी एथनाल ऐसा ईंधन है जो पेट्रोल की जगह पर इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी कीमत भी 60 रुपये प्रति लीटर के आसपास होगी।

पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसका असर देश के हर वर्ग पर पड़ रहा है। इससे वाहनों की बिक्री में कमी आने की भी विशेषज्ञों द्वारा आशंका जाहिर की जाने लगी है। ऐसे में फ्लेक्स फ्यूल को लेकर केंद्र सरकार की घोषणा को आटोमोबाइल क्षेत्र काफी सकारात्मक मान रहा है। उनका कहना है कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान से बड़ी उम्मीद बंधी है जिसमें उन्होंने कहा है कि उद्योग को जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा जिसके अंतर्गत फ्लेक्स फ्यूल इंजन का निर्माण अनिवार्य रूप से किया जाए। इससे शत प्रतिशत एथनाल का इस्तेमाल किया जा सकेगा। सुप्रीम रबर के डायरेक्टर मनोज जैन का कहना है कि फ्लेक्स फ्यूल की योजना परवान चढ़ी तो सिर्फ आटोमोबाइल उद्योग ही नहीं, बल्कि किसानों के लिए भी शानदार सौगात साबित होगी। एथनाल फ्यूल को तैयार करने में खाद्यान्नों और गन्ने का इस्तेमाल किया जाएगा। फ्लेक्स फ्यूल को लेकर केंद्र सरकार जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाए। जिससे आटोमोबाइल के साथ-साथ कृषि क्षेत्र की भी सेहत सुधरेगी। वाहन मालिकों का ईंधन पर खर्च बचने के साथ-साथ वायु प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। अमेरिका, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में इसका भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है।

दीपक मैनी, डायरेक्टर, डीएम आटोमोटिव एवं प्रदेश महासचिव, एफआइआइ

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