हरेरा गुरुग्राम में घर बैठे आनलाइन विवाद समाधान की सुविधा मिलेगी पीड़ित को

हरेरा) की शिकायत निवारण प्रणाली अब डिजिटल होने जा रही है। इसके लिए हरेरा गुरुग्राम और ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच बृहस्पतिवार को गुरुग्राम स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 07:26 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 07:39 PM (IST)
हरेरा गुरुग्राम में घर बैठे आनलाइन विवाद  समाधान की सुविधा मिलेगी पीड़ित को
हरेरा गुरुग्राम में घर बैठे आनलाइन विवाद समाधान की सुविधा मिलेगी पीड़ित को

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम की शिकायत निवारण प्रणाली अब डिजिटल होने जा रही है। इसके लिए हरेरा गुरुग्राम और ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच बृहस्पतिवार को गुरुग्राम स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। इसके साथ ही अब यह देश का पहला डिजिटल कोर्ट बनने की दिशा में अग्रसर हो गया है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद हितधारकों को घर बैठे आनलाइन माध्यम से विवाद समाधान तंत्र की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।

इस समझौते पर हरेरा गुरुग्राम की ओर से सचिव प्रताप सिंह ने चेयरमैन डा. केके खंडेलवाल और प्राधिकरण के सभी सदस्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलाजीज की ओर से कंपनी के संस्थापक तथा सीईओ रमन अग्रवाल की उपस्थिति में निदेशक मानसी ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते से होने वाले लाभ के बारे में चेयरमैन डा. केके खंडेलवाल ने बताते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का प्रयोग करते हुए कंपनी द्वारा एक विशेष डिजिटल हरेरा कोर्ट बनाई जाएगी जिससे लोगों को सरल, तेज, सुरक्षित और पारदर्शी ढंग से न्याय प्रदान किया जा सकेगा। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण पिछले कुछ समय से डिजिटल प्रौद्योगिकी को लोग तेजी से अपनाने लगे हैं। इसी कड़ी में हरेरा ने भी तकनीक का प्रयोग करते हुए उपभोक्ताओं के जीवन को जोखिम में डाले बिना उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान कराने की पहल की गई है।

इस तकनीक को ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड ने विकसित किया है। डिजिटल हरेरा कोर्ट के रूप में एक संभावित समाधान पेश किया गया है। डा. खंडेलवाल ने विश्वास जताया कि यह डिजिटल कोर्ट हरेरा, गुरुग्राम में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निपटारा करने की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। कार्यवाही के लिए अब लोगों को हरेरा कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी।

खंडेलवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि शिकायत पर बिल्डर या डेवलपर की ओर से जवाब आने के बाद प्राधिकरण द्वारा एक माह में फैसला सुनाया जाएगा। लंबित मामलों का अगले तीन महीने में निपटारा करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि हरेरा, गुरुग्राम द्वारा 14,801 मामलों का निपटारा किया अब तक किया गया है, जबकि पूरे देश की रेरा प्राधिकरण में कुल 82,750 शिकायतों का निपटारा हुआ है। इस हिसाब से देश की रेरा प्राधिकरण में निपटाए गए कुल मामलों का 20 प्रतिशत अकेले गुरुग्राम हरेरा ने निपटाए हैं। इस मौके पर हरेरा के सदस्य विजय कुमार गोयल, एडजुकेटिग आफिसर राजेन्द्र कुमार, सचिव प्रताप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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