सात दिन रही राहत, फिर हवा हुई जहरीली

बारिश के बाद सात दिन तक राहत रहने के बाद बुधवार को वायु प्रदूषण फिर बढ़ गया। पुराने शहर से लेकर नए गुरुग्राम में भी अधिक वायु प्रदूषण दर्ज किया गया। शहर में सुबह से ही सामान्य से अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 07:52 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 07:52 PM (IST)
सात दिन रही राहत, फिर हवा हुई जहरीली
सात दिन रही राहत, फिर हवा हुई जहरीली

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बारिश के बाद सात दिन तक राहत रहने के बाद बुधवार को वायु प्रदूषण फिर बढ़ गया। पुराने शहर से लेकर नए गुरुग्राम में भी अधिक वायु प्रदूषण दर्ज किया गया। शहर में सुबह से ही सामान्य से अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया।

डाक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 50 से अधिक होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और बुधवार को शहर में वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 329 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में वायु प्रदूषण अधिक रहना सामान्य बात हो गई है। यहां अधिक दिन वायु प्रदूषण अधिक रहता है। बहुत कम दिन होते हैं जब वायु प्रदूषण कम दर्ज किया जाता है। यही कारण है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उस लिए में गुरुग्राम शामिल होता है जो देश के प्रदूषित शहरों की लिस्ट है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गुरुग्राम क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि सुबह अधिक कोहरा रहने के कारण अधिक प्रदूषण दर्ज हुआ है। ----

शहर में अलग अलग जगह वायु प्रदूषण (पीएम 2.5) का स्तर लघु सचिवालय 329

गांव ग्वाल पहाड़ी 304

सेक्टर 51 329

टेरी ग्राम 118

मानेसर 253

वायु की गुणवत्ता को सुधारने के लिए जारी रहेंगी गतिविधियां

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि वायु प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है। इसके समाधान को लेकर प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाएगा। वायु की गुणवत्ता को सुधारने के लिए 2-3 माह ही नहीं बल्कि पूरे साल गतिविधियां चलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सभी क्षेत्र को लोगों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

उपायुक्त ने कहा कि कई बार प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन भी होता है। धूल उत्सर्जन एक महत्वपूर्ण कारक है जो वायु की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। धूल उत्सर्जन कई निर्माण गतिविधियों या सड़क पर उड़ने वाले धूल के महीन कणों से होता है। उसे कम करना आवश्यक है। इसके लिए सड़कों पर रोजाना पानी का छिड़काव, वायु गुणवत्ता का निरीक्षण आदि किया जा सकता है।

उपायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए एयर कमीशन का गठन किया गया है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर उपायुक्त ने कहा कि इसे लेकर एक व्यवस्था के तहत काम किया जाएगा, जिससे लोगों को असुविधा न हो। जिला प्रशासन का कर्तव्य है कि वह लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दें। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी वाहन विक्रेताओं को देने से भी इसका समाधान हो सकता है।

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