लाकडाउन के एक साल: विद्यार्थियों के साथ अध्यापकों ने भी सीखे आनलाइन कक्षा केतौर-तरीके

कोरोना महामारी के कारण हुए लाकडाउन में जब लोग घरों में बंद थे तब भी विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं हुई। स्कूलों में पहली बार आनलाइन कक्षाएं लगीं। पहली बार आनलाइन पढ़ाई शुरू हुई तो काफी समस्याएं आई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 04:31 PM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 04:31 PM (IST)
लाकडाउन के एक साल: विद्यार्थियों के साथ अध्यापकों ने भी सीखे आनलाइन कक्षा केतौर-तरीके
लाकडाउन के एक साल: विद्यार्थियों के साथ अध्यापकों ने भी सीखे आनलाइन कक्षा केतौर-तरीके

सोनिया, गुरुग्राम

कोरोना महामारी के कारण हुए लाकडाउन में जब लोग घरों में बंद थे तब भी विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं हुई। स्कूलों में पहली बार आनलाइन कक्षाएं लगीं। पहली बार आनलाइन पढ़ाई शुरू हुई तो काफी समस्याएं आई। स्कूल प्राचार्यों व प्रमुखों का कहना है कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास तो आनलाइन कक्षाओं के लिए संसाधन थे, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास सुविधाओं की कमी थी। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अधिकतर कमजोर तबके से हैं। ऐसे में इनके पास आनलाइन पढ़ाई के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं थीं। विद्यार्थियों की मदद के लिए धीरे-धीरे हाथ बढ़ने लगे और विभिन्न एनजीओ व समाजसेवियों की मदद से मोबाइल बैंक शुरू किया गया। जरूरतमंद विद्यार्थियों को स्मार्टफोन मुहैया कराए गए।

पहले आनलाइन कक्षाओं में तकरीबन 20 प्रतिशत विद्यार्थी ही जुड़े। धीरे-धीरे सुविधाएं मिलीं तो आनलाइन कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ने लगी। निजी स्कूलों ने भी आनलाइन शिक्षा के लिए जूम से लेकर गूगल मीट एप तक का प्रयोग किया। पहले विद्यार्थियों को आनलाइन कक्षाओं में थोड़ी समस्या आती थी लेकिन जल्द ही वह इन कक्षाओं में सहज होने लगे। लाकडाउन हटने के बाद धीरे-धीरे शिक्षण संस्थान खुल गए हैं। इसके बाद भी विद्यार्थी आनलाइन पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। अब मासिक टेस्ट व वार्षिक परीक्षाएं भी आनलाइन ही ली जा रही हैं। विद्यार्थी भी आनलाइन परीक्षाओं में ही रुचि ले रहे हैं।

- शिक्षकों को मिला आनलाइन प्रशिक्षण

लाकडाउन के दौरान शिक्षकों को प्रशिक्षण भी आनलाइन माध्यम से ही दिया गया। विभिन्न एप के जरिए जहां शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया वहीं पढ़ाई को अधिक रुचिकर बनाने के लिए नए एप व ई-पुस्तकें भी बनाई गई। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा बनाई गई ई-संचयन ई-पुस्तक और क्रिएटिव एंड क्रिटिकल थिकिग प्रोजेक्ट के जरिए विद्यार्थियों समेत शिक्षकों को भी आनलाइन पढ़ाई में काफी मदद मिली है। इनमें आनलाइन शिक्षा में गुणात्मक सुधार से लेकर बेहतर पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई है। ई-संचयन ई-पुस्तक को अन्य जिलों में काफी पसंद किया गया।

प्राथमिक कक्षाओं की भी आनलाइन होगी परीक्षा

कोरोना महामारी ने न केवल आनलाइन शिक्षा के लिए बेहतर प्लेटफार्म दिया है बल्कि अब आनलाइन परीक्षाओं में भी विद्यार्थी काफी रुचि ले रहे हैं। महाविद्यालयों के बाद अब स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं की भी आनलाइन परीक्षा होगी। अवसर एप के जरिए विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाएगी। कोरोना महामारी ने विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा से जोड़ा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को थोड़ी मुसीबत आई लेकिन धीरे-धीरे आनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थी बढ़ते रहे।

- कैप्टन इंदू बोकन, जिला शिक्षा अधिकारी, गुरुग्राम

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