शहीद किसी जाति या गांव के नहीं अपितु पूरे देश के : सत्यप्रकाश जरावता

पटौदी के विधायक सत्य प्रकाश जरावता ने कहा है कि शहीद किसी एक कौम अथवा ग्राम के नहीं अपितु समस्त राष्ट्र के होते हैं। यह देश वीर शहीदों की बदोलत ही आजाद है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 07:08 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 07:23 PM (IST)
शहीद किसी जाति या गांव के नहीं अपितु पूरे देश के : सत्यप्रकाश जरावता
शहीद किसी जाति या गांव के नहीं अपितु पूरे देश के : सत्यप्रकाश जरावता

संवाद सहयोगी, पटौदी : पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने कहा है कि शहीद किसी एक कौम अथवा ग्राम के नहीं अपितु समस्त राष्ट्र के होते हैं। यह देश वीर शहीदों की बदौलत ही आजाद है। वीर शहीदों के प्रति श्रद्धांजली प्रकट करना एवं उनका सम्मान करना हर देशवासी का धर्म है। विधायक भोड़ाकलां में मंथन जपन सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित 1857 के शहीद अब्बु सिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम में आए हुए थे। उन्होंने कहा कि शहीद अब्बु सिंह ने मात्र 27 वर्ष की उम्र में देश का आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह देश उनका हमेशा ऋणी रहेगा। उन्होंने घोषणा की कि शहीद के प्रति सम्मान करने के लिए उनसे जो भी बन सकेगा, वे करेंगे। उन्होंने कहा कि आज का दिन देश के लिए कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है तथा आज के दिन नब्बे हजार पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश में भारतीय सेना के सामने आत्म समर्पण कर दिया था।

इस अवसर पर ग्राम के सरपंच यजुवेंद्र गोगली तथा मंथन जनसेवा समिति के अध्यक्ष आरपी सिंह ने मांग की कि स्वतंत्रतता सेनानी शहीद अब्बु सिंह के नाम पर बिलासपुर चौक तथा पटौदी चौक पर दो द्वार बनाए जाएं। स्मारक स्थल पर एक बड़ा हॉल बनाकर महिलाओं के लिए तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाए। स्मारक स्थल पर लगे नलकूप का बिजली कनेक्शन दिलवाया जाए। इस अवसर पर सरस्वती पब्लिक स्कूल भोड़ाकलां की छात्राओं ने देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। समारोह में जरावता ने विद्यार्थियों को पॉलीथिन व प्लास्टिक का प्रयोग न करने की सलाह दी तथा उन्हें कागज के बैग प्रदान किए। समारोह में पूर्व अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पहलवान दलीप सिंह छिल्लर, जिला पार्षद विजयपाल शंटी, सरपंच यजुवेंद्र गोगली, भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेश चौहान शीलू, भाजपा नेता मनोज जनोला, मनबीर चौहान, धुरेंद्र पंच तथा सरजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य लोगों ने शहीद अब्बु सिह को श्रद्धांजली दी। बॉक्स

ठाकुर अब्बु सिंह देश मात्र 27 वर्ष की उम्र में ही देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे, वे अंग्रेजों के लिए सिरदर्द बन गए थे। अंग्रेजों ने बाद में उन्हें धोखे से बंदी बना लिया एवं सोहलना की पहाड़ियों में उन्हें खुले आम 16 दिसंबर 1857 को फांसी दे दी थी। उन्होंने शहीद का शव भी परिजनों को नहीं दिया था। यही नहीं अंग्रेजों ने उनकी 62 एकड़ भूमि भी जब्त कर नीलाम कर दी थी। उसी जमीन पर बिनोला गांव बसा हुआ है। 162 वर्ष पूर्व हुए भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के एक नायक शहीद अब्बु सिंह को देश की आजादी के बाद भी विभिन्न सरकारों ने उचित सम्मान नहीं दिया। लोगों को अब सरकार से उम्मीद है कि वह इस महान शहीद के सम्मान की सुध लेगी।

chat bot
आपका साथी