ट्रेड लाइसेंस नहीं होने पर 42 प्रतिष्ठानों को किया सील

ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ नगर निगम गुरुग्राम द्वारा बड़े पैमाने पर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 06:17 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:17 PM (IST)
ट्रेड लाइसेंस नहीं होने पर 42 प्रतिष्ठानों को किया सील
ट्रेड लाइसेंस नहीं होने पर 42 प्रतिष्ठानों को किया सील

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम गुरुग्राम की सीमा में स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों को हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के तहत ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ नगर निगम गुरुग्राम द्वारा बड़े पैमाने पर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है।

बुधवार को जोन-फोर क्षेत्र में 42 प्रतिष्ठानों पर सीलिग की गाज गिरी। इनमें साउथ सिटी-2 स्थित आरकेडिया, सेक्टर-50 स्थित गुडअर्थ माल, सेक्टर-49 स्थित सफायर माल, इरोज माल, सेक्टर-48 स्थित जेएमडी ग्लेरिया, सेक्टर-69 स्थित स्पेज कारपोरेट पार्क और ट्यूलिप लेमन मार्केट, सेक्टर-49 स्थित यूनिटेक आरकेडिया, रहेजा माल आदि में स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल हैं।

इसके अलावा शुगर लिसियस बेकरी, डिचैन, डीजे पिज्जा पास्ता, लुक्स सैलून, विक्टर क्राफ्ट एंड टैक्सचर, गेट सेट सैलून, रिपब्लिक आफ चिकन, मन्नत ड्राई फूट्स, चाट वाट, स्टेयर्स लांड्री, द केक स्टोरी, च्वाइस कबाब और करी, अरोमा लग्जरी स्पा, बुद्धा स्पा, मोमो मैगी कैफे, लोटस स्पा, पैराडाइज स्पा, दा ऊर्जा स्पा, एल्मवुड स्पा, गीतांजली स्टूडियो, ग्रीन चिक शाप, जियानी आईसक्रीम, सम्राट बेकरी सहित कई अन्य प्रतिष्ठानों को सील किया गया है।

यह है ट्रेड लाइसेंस की फीस

ट्रेड लाइसेंस फीस प्लिंथ एरिया (क्षेत्रफल) के हिसाब से लागू होती है। 250 वर्ग फुट तक 2500 रुपये, 500 वर्ग फुट तक 5000 रुपये, 1000 वर्ग फुट तक 10 हजार रुपये, 2000 वर्ग फुट तक 20,000 रुपये, 5000 वर्ग फुट तक 50 हजार रुपये तथा 5000 वर्ग फुट से ऊपर के क्षेत्रफल पर 70 हजार रुपये फीस लगती है। ट्रेड लाइसेंस के लिए लीज और पहचान प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है।

निगम से व्यापारियों को लूटने का काम करा रही सरकार: पंकज डावर

जासं, गुरुग्राम: कांग्रेस व्यापार सेल के चेयरमैन पंकज डावर ने कहा कि भाजपा सरकार अब नगर निगम के अधिकारियों से व्यापारियों को लूटने का काम करा रही है। नगर निगम ट्रेड लाइसेंस के नाम पर रोजाना दुकानों को सील कर रहा है। साथ ही दुकानदारों को नाजायज परेशान कर रहा है।

पंकज डावर का कहना है कि बीते एक साल से शापिग माल में बनी दुकानें बंद पड़ी थीं। किरायेदार बंद दुकानों का किराया अपनी जेब से दे रहे थे। महामारी के कारण कितने दुकानदारों की कमर पहले से टूटी हुई है, लेकिन फिर भी इस सरकार के लोग व्यापारियों पर किसी भी तरह का रहम नहीं करना चाहते। पहले तो दुकानों को सील कर दिया जाता है। उसके बाद जो व्यापारी अपनी सीलिग हटवाने के लिए लाइसेंस मांगने पहुंचते हैं उन्हें कागजों के फेर में फंसा कर भ्रष्टाचार किया जाता है।

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