विवादों में फंसे विज्ञापन के 410 करोड़ रुपये

नगर निगम में विज्ञापन के 410 करोड़ विवादों में फंसे हुए हैं। जिन शापिग माल और विज्ञापन एजेंसियों से निगम को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलना था उन्होंने इस मामले को कोर्ट तक पहुंचा दिया। लगभग दस साल से कोर्ट में केस चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:57 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:57 PM (IST)
विवादों में फंसे विज्ञापन के 410 करोड़ रुपये
विवादों में फंसे विज्ञापन के 410 करोड़ रुपये

संदीप रतन, गुरुग्राम

नगर निगम में विज्ञापन के 410 करोड़ विवादों में फंसे हुए हैं। जिन शापिग माल और विज्ञापन एजेंसियों से निगम को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलना था, उन्होंने इस मामले को कोर्ट तक पहुंचा दिया। लगभग दस साल से कोर्ट में केस चल रहे हैं और विज्ञापन लगाने के बावजूद शहर की बड़ी विज्ञापन एजेंसियां और माल निगम को विज्ञापनों की फीस नहीं दे रहे हैं। ऐसे में विज्ञापनों से होने वाली आय न के बराबर है।

ऐसा नहीं है कि इन कोर्ट के विवादों के अलावा विज्ञापन से आय नहीं हो सकती, लेकिन अधिकारियों ने इसके लिए कुछ ज्यादा प्रयास नहीं किए हैं। हालांकि, काफी जगहों पर लगे अवैध यूनीपोल को विज्ञापन शाखा ने हटाया है, लेकिन अभी भी कई अवैध विज्ञापन लगे हुए हैं। एमजी रोड और सोहना रोड के शापिग माल से भी निगम को राजस्व नहीं मिल रहा है। सोहना रोड पर भी अवैध यूनीपोल लगे हुए हैं। रैपिड मेट्रो पर 180 करोड़ बकाया

अकेले रैपिड मेट्रो पर ही 180 करोड़ रुपये बकाया है। निगम अधिकारियों के मुताबिक रैपिड मेट्रो का केस 2015 से चल रहा है। इस पर सालाना लगभग छह करोड़ के हिसाब से 180 करोड़ रुपये बनता है। इस बकाया और फीस के विरोध में रैपिड मेट्रो प्रबंधन कोर्ट पहुंच गया था। रैपिड मेट्रो व इसके स्टेशनों पर काफी विज्ञापन लगाए जाते हैं। घट रही कमाई, बढ़ रहा बोझ

कब कितनी कमाई हुई लक्ष्य

2017-18 14.14 100

2018-19 13.90 100

2019-20 15.45 35

2020-21 8.97 50

(कमाई और लक्ष्य करोड़ रुपये में ) आय बढ़ाने पर जोर दे चुके हैं निगमायुक्त: नवनियुक्त निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक कर निगम की आय बढ़ाने पर जोर दे चुके हैं। अगर आय की बात करें तो सिर्फ प्रापर्टी टैक्स विग ने ही निगम की लाज बचा रखी है। अन्य स्त्रोत से होने वाली आय बढ़ने की बजाय घटती जा रही है। विज्ञापनों की फीस वसूलने के लिए निगम अधिकारी कितना प्रयास करेंगे, यह देखने वाली बात होगी। 2021-22 के लिए निगम के बजट में 4899 करोड़ की आय और 2538 करोड़ रुपये खर्च का प्रविधान किया है। हालात को देखकर लगता नहीं कि लक्ष्य तो दूर निगम की आय लक्ष्य से आधी भी पहुंच पाएगी।

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