लघु सचिवालय में महिलाओं ने खोला ढाबा, 30 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन

किसी होटल का महंगा खाना आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 10:57 PM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 10:57 PM (IST)
लघु सचिवालय में महिलाओं ने खोला ढाबा, 30 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन
लघु सचिवालय में महिलाओं ने खोला ढाबा, 30 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : किसी होटल का महंगा खाना आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर है। इसलिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने निर्णय लिया कि प्रत्येक व्यक्ति को सस्ता भोजन देने की व्यवस्था बनाई जाए। भोजन का दाम इतना रखा जाए कि गरीब आदमी भी खाना खा सके। इसी लक्ष्य के साथ उन्होंने लघु सचिवालय में अनूठा ढाबा खोल दिया है। महिला कलस्टर संगठन से जुड़ी महिलाओं ने लघु सचिवालय परिसर में रोजमर्रा के कार्यों के लिए आने-जाने वालों के लिए ढाबा खोला है। यहां उचित दाम पर भोजन मिलेगा। ढाबे का संचालन ढाणी माजरा के लक्की महिला ग्राम संगठन के सहयोग से गुरू जम्भेश्वर महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं करेंगी। ढाबे को नाम दिया है सारथी ढाबा। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में संचालित यह महिला समूह बड़ोपल गांव का है। डीसी और एसपी ने लिया भोजन का आनंद

जिला उपायुक्त डा. जेके आभीर व पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण भी भोजन का स्वाद चखा। दोनों अधिकारियों ने सारथी ढाबा पर पहुंचकर जायकेदार भोजन का आनंद लिया। खाना खाते ही दोनों अधिकारियों के मुंह से निकला वाह! क्या खाना बना है। उपायुक्त डा. जेके आभीर ने कहा कि फतेहाबाद के स्वयं सहायता समूह का मॉडल न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश में अग्रणीय है। यहां के स्वयं सहायता समूह 30 करोड़ रुपये की सालाना टर्नओवर करते हैं जो इस साल के अंत तक 50 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। जिले में इस समय 1600 महिला स्वयं सहायता समूह कार्यरत है और इनमें 18 हजार से अधिक महिलाएं कार्य करते हुए अपने घर और परिवार का पालन-पोषण कर रही है। पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने कहा कि उन्होंने इतने सस्ती दर पर पहली बार स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन का आनंद लिया है।

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30 रुपये में मिलेगी पांच रोटी, दाल, सब्जी और लस्सी

ढाणी माजरा की पतासी देवी ने बताया कि ग्राहक को महज 30 रुपये चुकाने होंगे। इसके बदले उन्हें पांच रोटी, दाल तथा सब्जी के साथ सलाद व लस्सी भी दी जाएगी। पतासी देवी ने बताया कि अकेले उसके घर पर ही आठ भैंस हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की अन्य सदस्य भी पशुपालन का कार्य करती हैं। खाना खाने वालों को परोसी जाने वाली लस्सी इनके घरों से ही तैयार कर लाई जाएगी। खाने का स्वाद और गुणवत्ता भी घर के जैसे ही होगी। उनका लक्ष्य है कि ढाबे पर खाना खाने वाला व्यक्ति बार-बार यहां आएं और खाने का आनंद ले। बर्तन धोने, खाना पकाने, ग्राहकों को परोसने व खाना पैक करने से लेकर रजिस्टर में बिक्री व खर्च के हिसाब-किताब का जिम्मा भी ये महिलाएं स्वयं ही करेगी। जल्द ही लघु सचिवालय में सारथी ढाबा द्वारा टिफिन सर्विस भी आरंभ की जाएगी।

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