किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं महिलाएं

संवाद सहयोगी टोहाना भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है और यहां घर हो चाहे कार्यालय राज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:14 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:14 AM (IST)
किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं महिलाएं
किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं महिलाएं

संवाद सहयोगी, टोहाना : भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है और यहां घर हो चाहे कार्यालय, राजनीति हो या शिक्षा अधिकतर पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है। प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन पूरे विश्व में किया जाता है। महिला दिवस मनाने से महिलाओं के प्रति लोगों के व्यवहार में कितना परिवर्तन हुआ है, इसी को लेकर दैनिक जागरण ने प्रबुद्ध महिला पाठकों से चर्चा की।

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कभी भारत में नारी का बहुत सम्मान होता था और कहा जाता था कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। प्राचीन काल में आर्यों के समय में नारी के बिना कोई भी यज्ञ पूरा नहीं हो सकता था। रामायण में भी जब श्रीराम चंद्र जी ने अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किया तो सीता की अनुपस्थिति में उन्हें सीता की सोने की मूर्ति बनवाकर यज्ञ करना पड़ा। मुगलकालीन समय में नारियों के प्रति पुरुष समाज का व्यवहार बदल गया और नारियों को केवल घर की चारदीवारी में बंद होकर रहना पड़ा। समय ने फिर करवट बदली और अब महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों का मुकाबला कर रही है।

-डिपी जैन, गृहणी, प्रेम नगर, टोहाना।

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नारी को कभी दहेज के नाम पर तो कभी कन्या भ्रूण हत्या द्वारा जान से हाथ धोना पड़ता था। अब धीरे-धीरे समय बदल रहा है और नारी सशक्तिकरण की ओर अग्रसर हो रही है तथा जीवन में कई क्षेत्रों में तो वह पुरुषों से भी आगे निकल रही है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मंत्रीमंडल में निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी जैसी महिलाओं को देश के अह्म पदों पर सुशोभित कर महिलाओं का मान बढ़ाया है, इससे महिलाओं में जागृति का संचार हुआ है।

- रजनी मलान, गृहणी, शक्ति नगर, टोहाना।

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नारी की शक्ति को कभी भी कम नहीं आंकना चाहिये। लज्जा नारी का गहना है और अधिकतर लोग इसे नारी की कमजोरी मान बैठते हैं। नारी समय आने पर सीता, द्रोपदी, झांसी की रानी, कल्पना चावला, इंदिरा गांधी जैसी निडर बनकर मिसाल पेश करती हैं। आज देश के सर्वोच्च पदों पर महिलाएं आसीन हैं। यहां तक कि अमेरिका के व्हाइट हाऊस के मंत्रालय में 20 से अधिक भारतीय व भारतीय मूल की महिलाएं उच्च पदों पर कार्यरत है जिन्होंने न केवल देश का अपितु नारी जाति का भी सम्मान बढ़ा है।

- दीपा कामरा, गृहणी, भाटिया नगर, टोहाना।

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वर्तमान युग नारी का युग है और नारी अपने परिश्रम, लगन, बौद्धिक बल व क्षमता के आधार पर पुृरुषों को मात दे रही है। हरियाणा की तीन युवतियां अब तक मिस इंडिया का खिताब पिछले 8 वर्ष में ही जीती है। वहीं साक्षी मलिक ने ऑलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर नारी के सम्मान को चार चांद लगा दिए। हरियाणा की ही कल्पना चावला ने पूरे विश्व में नारी का सम्मान बढ़ाया। हरियाणा की बेटी व बहू सुष्मा स्वराज ने भी विदेश मंत्री के पद पर कार्य कर नारी सम्मान में वृद्धि की थी। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है बस आवश्यकता है तो उसे अवसर प्रदान करने तथा उत्साहवर्धन की।

- आशा महक, मिलन चौक, टोहाना।

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