पंचायती राज नुमांइदों का कार्यकाल खत्म होने के साथ फिर से चुनावों की सरगर्मी तेज

बुधवार से पंचायती राज संस्थाओं के नुमांइदों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार के आदेश है कि जल्द से जल्द उनसे चार्ज लेकर ग्राम सचिव व बीडीपीओ को इसकी जिम्मेदारी दे। इसको लेकर अधिकारी लगे हुए है। वहीं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने फिर से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावों की सरगर्मी तेज हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:09 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:09 AM (IST)
पंचायती राज नुमांइदों का कार्यकाल खत्म होने के साथ फिर से चुनावों की सरगर्मी तेज
पंचायती राज नुमांइदों का कार्यकाल खत्म होने के साथ फिर से चुनावों की सरगर्मी तेज

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

बुधवार से पंचायती राज संस्थाओं के नुमांइदों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार के आदेश है कि जल्द से जल्द उनसे चार्ज लेकर ग्राम सचिव व बीडीपीओ को इसकी जिम्मेदारी दे। इसको लेकर अधिकारी लगे हुए है। वहीं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने फिर से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावों की सरगर्मी तेज हो गई।

किसान आंदोलन खत्म होने के बाद कभी भी पंचायती चुनावों की रणभेरी बज सकती है। ऐसे में चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग नामांकन का लंबे समय से इंतजार कर रहे है। उनको परेशानी यह है कि इस बार सरकार ने नामांकन के लिए कई नए दस्तावेज जोड़ दिए। जिनमें फैमिली आइडी भी शामिल है। ऐसे में बढ़ते दस्तावेज को तैयार करवाने में समय लगेगा। इसी को देखते हुए लोग दस्तावेज तैयार करवाने में लग गए। ----------------------

पंचायती चुनावों में सबसे अधिक दस्तावेजों की जरूरत :

लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ना है तो किसी प्रकार के ज्यादा एनओसी लेने की जरूरत नहीं पड़ती। वहीं नगर निकाय चुनावों में एनओसी तो लेनी होती है। लेकिन पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने वालों से कम होती है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में इस बार 13 से अधिक प्रकार के दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी। दस्तावेजों को लेकर लोग पंचायती राज अधिकारियों के पास भी आ रहे है।

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ये बताए जा रहे है दस्तावेज जरूरी :

पंचायती विभाग के अधिकारी अब चुनावों को लेकर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर रहे है। वहीं कर्मचारी वहां आने वाले लोगों को दस्तावेज के बारे में जानकारी दे रहे है। इनमें शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, आधार कार्ड, फैमिली आईडी, हरियाणा स्थानीय प्रमाण पत्र, दी सहकारी समिति व लैंड मोर्गेज बैंक से नो ड्यूज, बिजली बिल की रसीद, शौचालय का प्रमाण पत्र, पुलिस स्टेशन से वेरीफिकेशन, दो फोटो, पैन कार्ड, बैंक की कॉपी के साथ ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट। यह रिपोर्ट उस माह की होनी चाहिए। जिस माह चुनाव होंगे।

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दोबारा ड्रा हुआ तो मिलेगा बीसी को लाभ :

प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है। वहीं बीसी वर्ग को भी 8 फीसदी आरक्षण दिया गया था। वैसे तो एक बार पंचायतों के लिए ड्रा हो गया था। लेकिन अब आरक्षण दोबारा से मिलने के बाद ड्रा होंगे तभी बीसी को आरक्षण का लाभ मिलेगा। शुरूआत में बीसी के लिए वहीं पंचायत रिजर्व होगी। जहां पर बीसी वर्ग की आबादी अधिक है।

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पंचों, पंचायती समिति के साथ होगी जिला पार्षद के पदों में व़ृद्धि :

जब 2016 जब चुनाव हुए थे। उस दौरान जिले में 6 लाख वोटर थे। इनमें से 4 लाख 80 हजार वोटर ग्रामीण थे। अब जिले में 6 लाख 70 हजार के करीब वोटर है। इनमें से 5 लाख 27 हजार वोटर ग्रामीण है। ऐसे में वोट बढ़े है। इस हिसाब से गांवों में नए पंचों के पदों के साथ पंचायत समिति व जिला परिषद के पदों की संख्या बढ़ सकती है।

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फतेहाबाद जिले में यह है पंचायती राज संस्थाओं में पद :

पद नाम संख्या

पंच : 2595

सरपंच : 257

पंचायती समिति सदस्य : 138

जिला परिषद सदस्य : 18

नोट: उपरोक्त आंकड़े पंचायती चुनाव 2016 के अनुसार हैं।

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