वन्य जीवों की बचेगी जान, विभाग को मिली एंबुलेंस

जागरण संवाददाता फतेहाबाद वन्य जीवों को बचाने के लिए अब वन्य प्राणी विभाग के पास एंबुलेंस

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:46 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:13 AM (IST)
वन्य जीवों की बचेगी जान, विभाग को मिली एंबुलेंस
वन्य जीवों की बचेगी जान, विभाग को मिली एंबुलेंस

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

वन्य जीवों को बचाने के लिए अब वन्य प्राणी विभाग के पास एंबुलेंस आ गई है। ऐसे में कहीं भी संरक्षित श्रेणी में आने वाले वन्य जीव हिरण, मोर व अन्य जीवों को बचाने के लिए विभाग की एंबुलेंस मौके पर जाएगी। घायल वन्य जीव का इलाज करवाने के बाद उसे संरक्षित स्थान पर छोड़ेगी। इससे वन्य जीवों के संरक्षण में मदद मिलेगी। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। वन्य जीव किसी कारण घायल हो जाते थे। सूचना देने के बावजूद विभाग के पास एंबुलेंस न होने के कारण वे दम तोड़ देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

वैसे भी वन्य जीव प्रेमी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। जिसके चलते सरकार ने वन्य जीवों की सुध लेते हुए विभाग को एंबुलेंस उपलब्ध करवाई। दरअसल, फतेहाबाद, हिसार व सिरसा में बड़ी संख्या में संरक्षित वन्य जीव विचरण करते हैं। अक्सर इन पर आवारा कुत्तों के साथ कई बार शिकारी भी हमला करते हुए घायल कर देते थे। लेकिन वन्य विभाग के पास इन्हें बचाने के लिए प्राप्त साधन ही नहीं थे। इस कारण कई बार घायल वन्य जीवों को बचाया नहीं जाता था। फतेहाबाद जिले का जिक्र करे तो गांव बड़ोपल, ढाणी माजरा, धांगड़, खजूरी, झलनियां, भिरडाना, काजलहेड़ी, शेखपुर, ढांड में वन्य जीव अधिक रहते है। वन्य जीव विभाग के अधिकारियों की माने तो इन क्षेत्रों में 400 से अधिक हिरण व करीब 300 से अधिक मोर हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में नीलगाय विचरण करती है। गांव बड़ोपल में हिरणों की संख्या अधिक रहने के कारण यहां पर हमले भी अधिक होते है। वन्य विभाग सक्रिय होने के कारण पिछले काफी समय से किसी वन्य जीव की मौत नहीं हुई। लेकिन वन्य जीव मरने वालों के आंकड़ों में यही क्षेत्र आता है। यहीं कारण है कि इस स्थान पर एक स्पेशल पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी भी लगा रखी है। अगर कोई शिकारी इन जीवों का शिकार करता है तो उसे पकड़ा जा जाता है। अब तो विभाग को एंबुलेंस मिलने के बाद अब घायल जीवों की जान भी बचाई जा सकती है।

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वन्य प्राणी विभाग ने अब एम्बुलेंस सेवा शुरू हो गई है। यदि कही पर भी संरक्षित वन्य जीव घायल होता है। तो इसकी सूचना फोन नंबर 01662-259233 पर करें। जिसके बाद एम्बुलेंस सेवा मौके पर पहुंच जाएगी। सूचना देने वाला यह ध्यान रखे कि वन्य प्राणी विभाग की यह सुविधा घायल संरक्षित वन्य जीव के लिए ही हैं।

- जयविद्र नेहरा, इंस्पेक्टर, वन्य प्राणी विभाग।

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