मांगों को लेकर आज शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

अध्यापकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ आज जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक करेगा। इस बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा आज पदाधिकारियों की आनलाइन बैठक का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:00 AM (IST)
मांगों को लेकर आज शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
मांगों को लेकर आज शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

जागरण संवाददात, फतेहाबाद : अध्यापकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ आज जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक करेगा। इस बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा आज पदाधिकारियों की आनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रधान सुरजीत दुसाद ने की तथा संचालन सचिव देसराज माचरा ने किया। अध्यापक संघ पदाधिकारियों ने जिले के सभी शिक्षकों से कहा है कि वे अपनी समस्याओं को खंड या जिला कार्यकारिणी को अवगत करवाएं ताकि बैठक में उनकी समस्याओं को भी उठाया जा सके।

बैठक के दौरान संघ ने कोरोना महामारी की वजह से बदली हुई परिस्थितियों में गुणवत्तापूर्ण व लगभग निश्शुल्क शिक्षा के लिए अभिभावकों से अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने का अनुरोध किया। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की ओर जहां पूरा ध्यान दिया जा रहा है वहीं उन्हें अनेक तरह की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। संघ जिला प्रधान सुरजीत दुसाद ने कहा कि कोविड-19 की वजह से बार-बार लगाए गए लाकडाउन के कारण अधिकांश उच्च, निम्न एवं मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति चरमरा रही है और आगे भी सुधार की गुंजाइश कम नजर आ रही है। ऐसे में अभिभावक निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने में असमर्थ हैं और उनके द्वारा लगातार फीस माफी की मांग की जा रही है लेकिन निजी स्कूल मान नहीं रहे हैं। सरकार ने निजी स्कूलों को कई बार निर्देश भी दिए हैं। कि वे फीस न बढ़ाएं और एकमुश्त शुल्क भरने का दबाव न बनाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी निर्देशों को न मानने की निजी स्कूलों की अपनी कुछ मजबूरियां हो सकती है, इसीलिए संगठन का ऐसे अभिभावकों से अनुरोध है वे सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाएं। 8 वीं कक्षा तक कोई प्रवेश या मासिक फीस नहीं है। सरकारी स्कूलों में योग्य एवं शिक्षित अध्यापक है। अच्छे भवन, पर्याप्त फर्नीचर, निश्शुल्क यूनिफार्म, पुस्तकें, साईकिल, छात्रवृति, मिड डे मील की सुविधा है वहीं घर के नजदीक स्कूल होने के कारण कोई वाहन शुल्क नहीं लगता। अध्यापक नेताओं ने कहा कि जो अभिभावक बच्चों की शिक्षा पर खर्च करना चाहते हैं तो वे सरकारी स्कूल में डोनेशन दें तो और अधिक सुधार आ जाएगा। अभिभावक बेवजह सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि निजी स्कूलों को फीस कम करने को कहे। इसकी बजाय उनके सामने हर तरह की सुविधाओं से युक्त सरकारी स्कूलों में प्रवेश का बेहतर विकल्प है। सरकारी स्कूलों का नेटवर्क देश के छोटे से छोटे गांव में है। पूरी पारदर्शिता है, इसलिए अभिभावक अपने बच्चों का नाम सरकारी स्कूल में दर्ज करवाएं ताकि इन बच्चों के लिए आने वाले समय में रोजगार के अवसर पैदा हो सके। इस दौरान राजपाल मिताथल,अजीत शास्त्री, नीतू डुडेजा, रामनिवास, देवीलाल, भगत सिंह सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

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