योजना के तहत जिला में 1883 परिवारों में से 1388 परिवारों का सर्वे पूरा

फतेहाबाद लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की आयोजित एक बैठक में उपायुक्त महावीर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 10:55 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 10:55 PM (IST)
योजना के तहत जिला में 1883 परिवारों में से 1388 परिवारों का सर्वे पूरा
योजना के तहत जिला में 1883 परिवारों में से 1388 परिवारों का सर्वे पूरा

फतेहाबाद :

लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की आयोजित एक बैठक में उपायुक्त महावीर कौशिक ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में योग्य एवं पात्र लाभपात्रों को योजना का लाभ देने के लिए उचित कार्यवाही का जाए। उपायुक्त ने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों जिनकी आय 25 हजार रुपये सालाना है, उनको गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना लागू की गई है।

उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ब्लॉक स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर पात्र लाभपात्रों को मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का लाभ देना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस कार्य में कोई भी अधिकारी व कर्मचारी कौताही व लापरवाही न बरतें। योग्य लाभपात्रों को शत प्रतिशत योजना का लाभ दिया जाए। योजना के तहत जिला में कुल 1883 परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाना है। अब तक 1388 परिवारों का सर्वे हो चुका है। उपायुक्त शेष 495 परिवारों के सर्वे के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिला में 1883 के अलावा अगर और कोई गरीब परिवार मिलता है तो उसे भी योजना का लाभ दिया जाए।

उपायुक्त ने बताया कि योजना के सही क्रियान्वयन को लेकर पूरे जिले को 12 जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन के लिए एक-एक कमेटी गठित की गई है। ग्रामीण क्षेत्र को 7 जोन में तथा शहरी क्षेत्र को पांच जोन में बांटा गया है। गठित जोनल कमेटियों में लगभग उन विभागों के अधिकारी शामिल किए गए है जिनके माध्यम से जन कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाती हैं ताकि योजना को सिरे चढ़ाने के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में सूची में शामिल गरीब लोगों की आय एक लाख रुपये वार्षिक तक ले जाने तथा इसके बाद इन परिवारों की आय को एक लाख 80 हजार रुपये से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है।

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