कोरोना काल में मनरेगा से वंचितों को मिला रोजगार

जागरण संवाददाता फतेहाबाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार यानी मनरेगा के तहत जिले

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 08:50 AM (IST)
कोरोना काल में मनरेगा से वंचितों को मिला रोजगार
कोरोना काल में मनरेगा से वंचितों को मिला रोजगार

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार यानी मनरेगा के तहत जिले के 30 हजार परिवारों को 6 लाख दिवस का रोजगार दिया जा चुका है। इस पर करीब 18 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च हुए है। कोरोना काल में यह योजना मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई। इससे सार्वजनिक काम भी खूब हुए। वन विभाग ने नर्सरियों में पौधे लगवाए तो सिचाई विभाग ने नहरों में भी खूब काम करवाए हैं। अब भी मनरेगा के तहत प्रत्येक गांव में काम चल रहा है। इस वित्त वर्ष में फतेहाबाद जिला मनरेगा के तहत काम देने में सबसे आगे रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मार्च व अप्रैल में लॉकडाउन होने के कारण हर प्रकार के कार्य बंद होने से गांवों के मनरेगा श्रमिकों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया था। परेशानी आई तो सरकार ने मनरेगा के तहत रोजगार के अवसर दे दिए।

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प्रत्येक विभाग की जिम्मेदारी, मनरेगा मजदूरों के मार्फत हो कार्य :

प्रदेश सरकार ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिए हुए है कि अधिक से अधिक सार्वजनिक काम मनरेगा मजदूरों के मार्फत हो। नहर सफाई व गांवों में जोहड़ खुदाई के कार्य तो मनरेगा मजदूर करते ही है। इसके अलावा अब शिक्षा विभाग ने नए स्कूलों का निर्माण भी मनरेगा के मार्फत करने का निर्णय लिया है। वन विभाग के मार्फत पौधे लगाने का काम शुरू होगा।

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सड़कों के साथ सफाई का भी काम चले :

मनरेगा के तहत सड़कों की सफाई का काम अब तक शुरू नहीं हुआ। बारिश के मौसम में अधिकांश सड़कों पर कांग्रेसी घास के साथ अन्य खरपतवार बड़ी संख्या में लगी हुई है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि मनरेगा के तहत सड़कों की सफाई का कार्य भी शुरू हो। इससे मजदूरों को रोजगार मिलेगा, वहीं वाहन चालकों की परेशानी खत्म होगी।

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257 गांवों में चल रहा कार्य :

मनरेगा के तहत जिले के 257 गांवों के ग्रामीणों को रोजगार देने का प्रावधान हैं। हालांकि मनरेगा को सही से संचालित करने में गांव के सरपंच का अहम योगदान होता है। कई गांव के सरपंच अपने गांव में मनरेगा परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिलवा देते है। ऐसा भी इस बार हो रहा है। वैसे भी उपायुक्त ने पहले ही विभिन्न विभागों से मनरेगा के मार्फत होने वाले कार्यों की सूची मांगी थी। जिनमें से अधिकांश कार्य हो गए। मनरेगा के तहत प्रशासन खेल स्टेडियम, श्मशान घाट व व्यायामशाला में घास या कंटीली झाड़ियां को शुरूआत में साफ करवा दिया गया।

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एक परिवार को 100 दिन तक मिलता है रोजगार :

मनरेगा के तहत जो जॉब कार्ड बनते है। उसके तहत प्रत्येक परिवार को सालाना 100 दिन को रोजगार मिलता है। जिले करीब 43 हजार परिवारों ने जॉब कार्ड बनाया हुआ है। इनमें से 30 हजार परिवारों को रोजगार दिया जा चुका हैं। इस बार केंद्र सरकार ने मनरेगा दिहाड़ी 309 रुपये कर दी। जो गत वर्ष से करीब 20 रुपये अधिक हैं।

------------------- मनरेगा के तहत जिले के लोगों को खूब रोजगार दिया जा रहा है। इसके लिए मैंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया हुआ है कि वे अधिक से अधिक ग्रामीणों को रोजगार दे, ताकि कोरोना काल में किसी प्रकार की परेशानी न आए।

- राजेश कस्वां, चेयरमैन, जिला परिषद।

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