एक ही कमरे में लग रहीं दो कक्षाएं, शिक्षकों का भी टोटा

शिक्षा विभाग स्कूलों में व्यवस्था दुरस्त करने के लाख दावे करता है लेकिन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 May 2018 11:14 PM (IST) Updated:Mon, 21 May 2018 11:14 PM (IST)
एक ही कमरे में लग रहीं दो कक्षाएं, शिक्षकों का भी टोटा
एक ही कमरे में लग रहीं दो कक्षाएं, शिक्षकों का भी टोटा

हनीश ¨जदल, कुलां :

शिक्षा विभाग स्कूलों में व्यवस्था दुरस्त करने के लाख दावे करता है लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट कुछ और ही बयां कर रही है। शायद इसीलिए जिला उपायुक्त को भी कहना पड़ा कि शिक्षा विभाग स्कूलों में व्यवस्था सुधारे और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट दे। हालात क्या हैं, सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण ने कुलां के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के हालातों का जायजा लिया। इस स्कूल में अध्यापकों का टोटा है। एक अध्यापक दो-दो कक्षाएं संभाल रहा है। कुलां के इस स्कूल को तीन वर्ष पहले ही अपग्रेड किया था। लेकिन तब से शिक्षकों की कमी यह स्कूल झेल रहा है। वर्तमान स्थिति के मुताबिक स्कूल में 8 शिक्षकों की कमी है। इस कारण इन बच्चों को या तो दूसरे अध्यापक पढ़ा रहे है या फिर कक्षा ही नहीं लग रही। लड़कियों को जाना पड़ता था बाहर

ग्रामीण रमेश कुमार, सुरेश, दिलबाग ¨सह, सुरजीत ¨सह ने बताया कि पहले लड़कियों को गांव से बाहर पढ़ने के लिए जाना पड़ता था। उन्होने अधिकारियों से मिलकर इस स्कूल को अपग्रेड करवाया। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी आज तक अध्यापकों की कमी दूर नहीं हुई है। राजनीतिक विज्ञान व कॉमर्स की शिक्षा की व्यवस्था न होने के कारण व शिक्षा जारी रखने के लिए दसवीं से बारहवीं कक्षा की लड़कियों को मजबूरन गांव से बाहर दूसरे स्कूलों में जाना पड़ रहा है। इन विषयों के नहीं प्राध्यापक

-संस्कृत

-अंग्रेजी

-इतिहास

-इकनॉमिक्स

-कॉमर्स

-फिजिकल

-केमिस्ट्री

-बायोलॉजी वर्जन

स्कूल में शिक्षकों की कमी है। इसको लेकर बच्चों की शिक्षा खराब हो रहीं है। पिछले साल उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था। लेकिन अभी तक उन्हें अध्यापक नहीं मिले है। अंग्रेजी का अध्यापक न होने के कारण वे खुद बच्चों को पढ़ा रहे है। उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षक मिल जाएंगे।

हरपाल ¨सह, प्राचार्य कुलां। वर्जन

स्कूल में अंग्रेजी का शिक्षक नहीं है। जो दूसरे विषयों के अध्यापकों की कमी बता रहे हैं, उन विषयों के बच्चे बहुत थोड़े हैं। इस स्कूल का रिकॉर्ड चेक किया जाएगा। अगर वास्तव में कोई कमी है तो कोई व्यवस्था की जाएगी।

- दयानंद सिहाग, जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।

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