बाल मैत्री पूर्ण एवं भाईचारे की मिसाल है गांव टिब्बी

भूना खंड का गांव टिब्बी भाईचारे व एकता की मिसाल है। टिब्बी नाम की एक है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 07:10 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 07:10 AM (IST)
बाल मैत्री पूर्ण एवं भाईचारे की मिसाल है गांव टिब्बी
बाल मैत्री पूर्ण एवं भाईचारे की मिसाल है गांव टिब्बी

संवाद सूत्र, कुलां :

भूना खंड का गांव टिब्बी भाईचारे व एकता की मिसाल है। टिब्बी नाम की एक मुस्लिम महिला ने गांव को बसाया था। इसके चलते गांव का नाम टिब्बी प्रचलित हुआ। गांव की भूमि मलकीयत हांसी के रहने वाले बनिया जाति के सेठ प्रताप चंद के नाम पर थीं। आजादी के बाद यहां आए लोगों द्वारा गांव की भूमि को खरीद लिया। गांव में सभी जातियों के लोग भाईचारे से रहते हैं। गांव का मुख्य व्यवसाय कृषि है। प्राचीन स्मृति के नाम पर गांव में ग्राम वासी दौलत नाथ की समाधि स्थित है। बताया गया है गांव का डेरा उनकी देन है। धीरे धीरे गांव प्रगति की रफ्तार पकड़ता गया। मौजूदा समय में गांव की गिनती विकसित गांवों में होती है। वर्तमान में ग्राम प्रधान महिला इंद्रा रानी हैं। जिन्होंने अपने कार्यकाल में काफी विकास करवाया है। गांव की लगभग सभी गलियां पक्की है व पानी निकासी का ठोस प्रबंध है। इसके अलावा नारी सशक्त में ग्राम प्रधान अहम भूमिका अदा कर रहीं है। ज्ञातव्य है विगत वर्ष उन्हें नारी प्रतिभा सम्मान से नवाजा गया है।

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भाईचारे व एकता की मिसाल गांव :

गांव में सभी लोग भाईचारे से रहते है। गांव के युवाओं द्वारा एकता का परिचय देते हुए दो संगठन बनाकर ग्राम विकास में योगदान दिया जाता है। खास बात यह है यहां की युवा पीढ़ी स्वयं तो नशे से दूर है ही साथ ही अपने प्रयास से औरों को नशे के खिलाफ जागरूक करने में जुटे हैं।

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ग्रामीणों में देशभक्ति का जज्बा

गांव में दर्जनभर स्वतंत्रता सेनानी पैदा हुए हैं। जिन्होंने देश की आजादी में भूमिका निभाई है। ग्रामवासी आठ युवा बहादुर हैं जो वर्तमान में अपने तन पर वर्दी सजाकर देश की सेवा कर रहें है। साथ ही गांव के रहने वाला एक व्यक्ति हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर अथवा एक सिपाही के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। खास बात यह है यहां की भावी पीढ़ी इस अवसर की तलाश में है कि कब सेना में उनका चयन होगा और वह देशसेवा के इस यज्ञ में शामिल होंगे।

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बाल मैत्री पूर्ण गांव

गांव पर खुले में शौच मुक्त व कैटल फ्री होने की मुहर लगने के साथ ही विगत वर्ष गांव को बाल मैत्री पूर्ण गांव का खिताब भी मिला है। ऐसे में यह गांव अन्य गांवों के लिए नजीर बना है। गांव के शत फीसदी नौनिहाल स्कूल में पढ़ने जाते है। ग्रामवासियों के मन में बाल विवाह व बाल मजदूरी की बात कोसो दूर है। ग्राम पंचायत का गांव के बच्चों के प्रति मधुर स्नेह व्यवहार है। बाल मैत्री गांव का चयन होने का अर्थात ग्राम के तमाम बच्चों की देखरेख व उनकी समस्याओं के निदान की जिम्मेदारी पंचायत की है।

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यह है सुविधाएं

गांव में प्राथमिक व उच्च विद्यालय, पंचायत भवन, मंदिर, गुरुद्वारा, आंगनबाड़ी केंद्र, पशु चिकित्सालय, उप स्वास्थ्य केंद्र व व्यायामशाला स्थापित है।

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जनसंख्या - 2500

मतदाता - 1500

रकबा - 1500 हेक्टेयर

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